पक्के और साफ सुथरे रास्ते, उन पर दौड़ती मर्सिडीज या बीएमडब्लू जैसी महंगी गाड़ियां और गांव के चौक-चौराहों पर मैक्डॉनल्ड जैसे रेस्टॉरेंट भी नजर आएं तो क्या कहेंगे. जी हां, गुजरात के आणंद जिले का धर्मज गांव ऐसा ही है, जहां यह संपन्नता आपको तमाम जगह बिखरी नजर आएगी. एशिया के अमीर गांवों में शुमार आणंद जिले के पेटलाद तहसील में स्थित प्रवासी भारतीय (एनआरआई) और डॉलर से समृद्ध है. लोगों के पास इतना पैसा है कि गांव में ही 17 बैंक खोलने पड़े, जहां गांव वालों के करीब 5000 करोड़ से अधिक पैसे जमा है.
ऐसे बनाया गांव को समृद्ध
यह के ज्यादातर घरों के लोग विदेशों में बसे हुए हैं. यहां के लोग अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, अफ्रीका व खाड़ी देशों में बसे हुए हैं. लेकिन इन लोगों ने कभी भी अपने गांव की फिक्र करना नहीं छोड़ा. विदेश में बसे लोगों ने खूब पैसे कमाए और अपने परिवार और गांव को समृद्ध बनाया. इसके अलवा वे लोग गांव के विकास के लिए केवल पैसे ही नहीं भेजते, बल्कि गांव के विकास की जिम्मेदारी भी उठाते हैं.
दुनियाभर से हर साल आते हैं बच्चों के साथ
यहां स्कूल, कॉलेज, बैंक जैसी सभी सुख-सुविधाएं मौजूद हैं. यहां के लोगों का लाइफस्टाइल शहर के लोगों से भी काफी अच्छा है। गांव वाले हर साल 12 जनवरी को धर्मज डे सेलिब्रेट करते हैं, जिसमें शामिल होने के लिए दुनिया के कोने-कोने में बसे गांव के एनआरआई पूरे परिवार के साथ यहां आते हैं। वो महीनों तक यहां रहते हैं और मौज-मस्ती करते हैं, अपने बच्चों को गांव की संस्कृति से रूबरू कराते हैं। यहां की आबादी करीब 92,000 है और यहां करीब 7600 घर मौजूद हैं।
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