क्या समय और धन का सदुपयोग आपके एवं परिवार के लिए महत्वपूर्ण नहीं है ? अवश्य है. न केवल ऐसी पृष्ठभूमि वालों के लिए बल्कि सभी के लिए है, जो जीवन में कामयाबी चाहते हैं. बेहतर भविष्य चाहते हैं, राष्ट्र को आगे बढा़ना चाहते हैं तो क्यों नहीं उनको इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि उनका समय एवं धन कहां खर्च हो रहा है ?

युवाओं को अपने आप से सवाल करना होगा कि जहां भी वो अपना समय एवं धन खर्च करने जा रहे हैं क्या वहां से आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सहयोग मिलेगा ? यदि आप किसी के साथ जाने वाले हैं तो घर से बाहर निकलने का सोचने से पहले अपने आप से यह सवाल जरूर पूछना चाहिए कि मैं उन लोगों के साथ क्यों जा रहा हूं ? जिनका जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है. जो बिना किसी उद्देश्य के समय पास करने, गप्पें मारने या ताश पत्ती / लूड्डो खेलने में बिताते रहते हैं. उनको ऐसे लोगों की संगति से भी दूर रहना चाहिए जो आपराधिक / राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहते हैं.

ऐसी भीड़ के समूह से भी दूर रहे, जो जाति / संप्रदाय विशेष के खिलाफ लोगों को भड़काते हैं, घटनाएं करते हैं या करवाते हैं. ऐसे में आप पुलिस केस में उलझ जाएंगे फिर कोर्ट कचहरी के चक्कर में जो थोड़ा बहुत परिवार के पास है वो भी खोना पड़ेगा. कैरियर भी खराब हो जाएगा. साथ ही जो नशा करते हैं उनकी संगति से भी बचे. खुद भी नहीं करे.

उसी प्रकार यदि आप कोई मूवी देखने जाने का सोच रहे हैं तो भी अपने से एक सवाल पूछिए कि क्या वो मूवी आपके किसी एक्जाम के सिलेबस से संबंधित है ? क्या इससे आपको कोई आर्थिक लाभ होगा? क्या वहां आने जाने एवं मूवी देखने में लगभग पांच घंटे खर्च करना उचित रहेगा ? क्या उस समय का सदुपयोग अन्य महत्वपूर्ण कार्य में लगाने से अच्छा रहेगा ? ऐसा ही सवाल अपने आप से उस वक्त भी करना चाहिए जब आप कोई क्रिकेट मैच देखने जा रहे हैं या टीवी पर देखेंगे, जिसमें भी समय एवं पैसा दोनों खर्च होगा.

यदि आप स्वयं खिलाडी़ हैं या उसी में ही कैरियर चुनने जा रहे हैं तो जरूर जाएं. समय एवं धन दोनों महत्वपूर्ण हैं उसे अनुशासित होकर उपयोग में लाए. अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए ऐसे अनुत्पादक गतिविधियों से साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले युवाओं को तो बचना ही चाहिए एवं पूरा ध्यान अपने लक्ष्यों से संबंधित कार्यों पर लगाना चाहिए.