प्रतीक चौहान. रायपुर. आयुष्मान कार्ड से बच्चेदानी के ऑपरेशन का पैकेज सरकार ने हटा दिया है. लेकिन दूसरे पैकेज में दर्शाकर मरीज के ऑपरेशन का मामला सामने आया है. ये मामला तब सामने आया जब खुद अस्पताल ने एक अखबार में इससे संबंधित न्यूज प्रकाशित करवाई, जिसके बाद क्षेत्र के ही एक डॉक्टर ने लल्लूराम डॉट कॉम को इस पूरे मामले की जानकारी दी. ये पूरा मामला सरायपाली के शुभा हॉस्पिटल का है.
दरअसल पिछले दिनों इस अस्पताल में एक मरीज के बच्चेदानी का ऑपरेशन हुआ. अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक क्षेत्र के विधायक किस्मत लाल नंद ने मरीज का ऑपरेशन कराने में आर्थिक मदद की. लेकिन यही मदद अब अस्पताल के लिए पेंच बन गई है. अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के आयुष्मान कार्ड से भी ब्लॉकिंग की है.
इस संबंध में जैसे ही लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ भागेश्वर पटेल से बात की तो उन्होंने भी ये स्वीकारा कि विधायक ने आर्थिक मदद की जिससे ऑपरेशन हुआ और अन्य इलाज आयुष्मान कार्ड से किया गया.
लेकिन जब हमने विस्तार से इसकी जानकारी चाही, तो डॉक्टर ने कहा मैं अभी ऑपरेशन में हूं, एक नंबर आपको भेज रहा हूं… आप उनसे बात कर लीजिए. डॉक्टर की बातचीत से टीम को पूरे मामले में लिपापोती की आशंका हुई. टीम तत्काल रायपुर से सरायपाली के लिए रवाना हुई और उस अस्पताल पहुंची जहां मरीज का ऑपरेशन होना बताया गया था.
वहां जाकर पता चला कि उक्त नाम से दो अस्पताल मौजूद है. टीम को ये भी जानकारी मिली कि जिस नई अस्पताल बिल्डिंग में आयुष्मान कार्ड से मरीज का ऑपरेशन करना बताया गया वहां डॉक्टर के पास आयुष्मान कार्ड से इलाज की अनुमति ही नहीं है.
जबकि अस्पताल से ये जानकारी मिली कि 7-8 मरीजों की थोड़ी देर पहले ही छुट्टी हुई है और 4-5 मरीज अभी अस्पताल में भर्ती है. हैरानी की बात ये थी कि अस्पताल में भर्ती दो मरीज तो ऐसे मिले जो भर्ती तो थे, लेकिन वे हाथ-पैर में दर्द की शिकायत बता रहे थे. इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें अस्पताल में तीनों टाईम दवाइयां मिल रही है.
अब ये स्वास्थ्य विभाग के लिए जांच का विषय है कि जिन मरीजों को भर्ती किया गया है उन्हें भर्ती की जरूरत भी थी या नहीं. वहीं ये विभाग के लिए भी बड़ी लापरवाही का मामला है कि जिस नई बिल्डिंग में आयुष्मान कार्ड से इलाज की अनुमति ही नहीं वहां कैसे कार्ड ब्लॉक कर इलाज किए जा रहे है.
इस संबंध में दोबारा पक्ष जानने डॉ भागेश्वर पटेल को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया. हालांकि आयुष्मान कार्ड से इलाज करा रहे किसी भी मरीज ने अतिरिक्त पैसे लिए जाने की बात से इनकार किया.