शेख आलम, धरमजयगढ़. धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में लगातार हाथियों की संख्या बढ़ने से वन विभाग की मुश्किलें भी बढ़ने लगी है. अब हालात यह की इंसान और हाथी दोनों एक दूसरे को मारने पर उतारू हो गये है. वन मंडल के डीएफओ के मुताबिक़ 2016 से अभी तक 10 हाथियों की मौत हो चुकी है. वही इंसानों की मौत का आंकड़ा भी कोई कम नहीं है. हाथियों के हमले से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है. मौत का यह सिलसिला आज भी जारी है.
जानकारी के मुताबिक घट रही घटनाओं पर विराम लगाने का पूरा प्रयास वन विभाग के द्वारा किया जा रहा है. विभाग द्वारा हाथियों को बस्ती में आने से रोकने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. लोगों को समझाइस भी दी जा रही है कि वो हाथियों से दूरी बनाए रखें. वन विभाग प्रचार-प्रसार का सहारा ले रही है. ताकि हाथियों और इंसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान ना पहुंच सके. वही दो सालों में हाथी व इंसान की मृत्यू दर बढ़ी है. इलाके में हाथियों की बढ़ती संख्या को लेकर भी वन विभाग चिंतित है.
डीएफओ डॉ. प्रणय मिश्रा का कहना है कि धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 27 की संख्या में हाथी विचरण कर रहें है. इस कारण खतरा बना रहता है. धान कटाई का सीजन और अधिक खतरनाक होता है. जंगलों में चारा कम होने पर उन्हें बाहर भटकना पड़ता है. पानी और चारा का इंतजाम भी उनके लिए जरूरी है. खासकर उन लोगों को ज्यादा खतरा होता है. जो लोग जंगल या उसके समीप मकान बनाकर रह रहें है. दंतैल हाथियों को काबू में लाने के लिए बाहर से प्रशिक्षित हाथियों को लाने का प्रयास चल रहा है. संभवता इससे काफी कुछ नुकसान को रोका जा सकेगा.