Rajasthan News: माइंस, पेट्रोलियम, उद्योग एवं एमएसएमई विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने भिवाडी औद्योगिक क्षेत्र के सभी उद्यमियों से आग्रह किया है वे भिवाड़ी में निर्मित कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) से प्राथमिकता से कनेक्शन करावें ताकि औद्योगिक क्षेत्र केे प्रदूषित पानी की एक- एक बूंद का रिसाईकिल कर सदुपयोग किया जा सके।  

उन्होंने बीडा, रीको, पर्यावरण, बीजेपीएनए, औद्योगिक संघों, संबंधित विभागों व सीईटीपी के कार्य में लगी संस्थाओं के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक में बताया कि भिवाड़ी सीईटीपी प्लांट जुलाई के अंत तक शुरू हो जाएगा। मानसून से पहले कनेक्शन होने से बरसात की एक- एक बूंद का संग्रहण भी किया जा सकेगा। इस प्लांट के शुरू होने से भिवाडी में औद्योगिक प्रदूषित जल की समस्या का समाधान हो सकेगा और प्रदूषित जल का शोधन कर उपयोग में लाया जा सकेगा।

एसीएस ने प्लांट का अवलोकन कर आवश्यक निर्देश दिए और भिवाडी औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों की कार्यप्रणाली भी देखी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रदूषित जल को उपचारित कर उस पानी का अन्य कार्यों में पुर्नउपयोग करने के लिए 174 करोड़ रूपए की लागत से सीईटीपी प्लांट तैयार करवाया गया है। सीईटीपी प्लांट का काम लगभग पूरा हो गया है और परीक्षण में सफल रहा है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट 6 एमएलडी के साथ ही जीरो लिक्विड डिस्चार्ज स्तर का बनाया गया है जिससे इस प्लांट में आने वाली पानी की एक- एक बूंद को उपचारित कर इसका उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि पानी की एक-एक बूंद को बचाना, प्रदूषित जल को उपचारित कर रिसाइकल कर अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लेना हमारा दायित्व है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि भिवाड़ी में आधुनिकतम तकनीक का जेडएलडी सीईटीपी प्लांट बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सीईटीपी के लिए पाइप लाइन बिछाने के बाद 31 किमी क्षेत्र में बीटी रोड, 15.5 किमी क्षेत्र में पेचवर्क, 5 किमी में सीसी रोड और 6.5 किमी में हाफ बिड्थ का कार्य भी लगभग पूरा है। इसके साथ ही बिछाई गई पाइप लाइन मेें पानी के प्रवाह के साथ ही अन्य कार्यों का भी परीक्षण कर लिया गया है।

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