रायपुर. आज वैज्ञानिक युग में मनुष्य ने जितनी प्रगति की है, उतनी ही तेजी से अंधविश्वास ने अपना प्रसार के लिए विज्ञान का सहारा लिया है. विज्ञान ने मनुष्य की आवश्यकता के अनुसार बहुत सी वस्तु दिनचर्या के उपयोग के लिए उपलब्ध किया है. इसके बावजूद भी अंधविश्वास लोगों के पीछे नहीं छोड़ा है या लोग उसे छोड़ना नहीं चाहते. अंधविश्वास फैलाने वाला आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके लोगों को मूर्ख बना कर सीधा लूट रहे हैं. अज्ञानतावश लोग लालच में आसानी से उसके जाल में फंस रहे हैं. व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से ठगी की जा रही है. व्हाट्सएप पर लोगों को मैसेज भेजकर काला जादू, टोना-टोटके, तंत्र-मंत्र, वशीकरण सीखने और बड़ी सी बड़ी बीमारियों का इलाज करने का दावा किया जा रहा है.

ऐसे ही मामला अभी जानकारी में आया है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक व्यक्ति के व्हाट्सएप पर देवेंद्र शर्मा ने मैसेज किया. मैसेज में काला जादू, टोना-टोटके, वशीकरण, मारण, स्त्री-पुरूष का गुप्त रोगों का इलाज, दुश्मन को सबक सिखाना, दुश्मन को मारना, लोगों में झगड़ा करना, गुमसुदा व्यक्ति को ढूंढना, रूठे व्यक्ति को मनाना, शराब झोड़वना, बच्चा न हो रहा है उसका बच्चे पैदा करना, किसी की शादी तोड़वाना या जोड़ना, बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज जिसमें स्त्री के गुप्त रोग, टीबी, पथरी, मोतियाबिंद, नजर का इलाज यहां तक कैंसर जैसी नाइलाज बीमारियों को तंत्र-मंत्र, ताबीज, काला जादू से ऑनलाइन ठीक करने और सिखाने का दावा कर रहा है.

ऑनलाइन फैला है अंधविश्वास का जाल

इस कार्य के लिए एक मोबाइल नंबर भी दिया है. इस नंबर पर फोन करने पर उस व्यक्ति ने अपना परिचय देवेंद्र शर्मा निवासी नई दिल्ली बताया. उसने मैसेज को सही ठहराते हुए तंत्र-मंत्र और काला जादू सिखाने की बात कही. यह भी बताया कि अभी 15 सौ लोग सीख रहे हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ के रायपुर से भी लोग जुड़े है. जब दिल्ली से है तो दूसरे राज्य के लोगों को कैसे सिखाता है कहने पर उसने बताया सब ऑनलाइन जानकारी दी जाएगी. वह सीखाने से पहले गुरुदक्षिणा के नाम पर रुपए लूट लेता है. फीस के बारे में बात करने पर उसने अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग रेट बताया. व्हाट्सएप चैट से झाड़-फूंक करने का नाम से बात की तो शुरूआती फीस 501 रुपए बताया और ऑनलाइन पेमेंट के लिए देवेंद्र शर्मा नाम का अकाउंट नंबर भेजा. उसने यह भी कहा कि पेमेंट करके स्क्रीनशॉट भेज देना. जब उससे फोन पर बात की गई तो उसने 501 शुरूआती फीस से अलग-अलग कामों के लिए हजारों-लाखों रुपए फीस के बारे में बताया.

कोई काला जादू, तंत्र-मंत्र नहीं होता

एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेश के अध्यक्ष मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार ने कहा कि पहले लोग ऑनलाइन नहीं थे, इसलिए सीधे जमीन में अंधविश्वास दिखता था और अंधविश्वास फैलाने वाले घर-घर जाकर लूटता था. आज हमारे साथ सोशल मीडिया है. बातचीत और पैसे की लेन-देन सब ऑनलाइन हो रही है. इसका फायदा पाखंडी लोग लूटने के लिए कर रहे हैं. आज आपके आस-पास पाखंडी लोग कम दिख रहा है, इसका मतलब यह नहीं कि अंधविश्वास खत्म हो गया है. यह अब बहुत ही विकराल रूप धारण कर लिया गया है. सब ऑनलाइन लूट चल रही है. झाड़-फूंक, टोना-टोटका, वशीकरण और तंत्र-मंत्र के नाम पर पाखंडी तांत्रिक अपनी जेब भर रहे हैं. सोशल प्लेटफार्म के पाखंडियों से सतर्क रहने की जरूरत है. एएसओ के अध्यक्ष ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तांत्रिक की बातों में न आएं. कोई काला जादू, तंत्र-मंत्र नहीं होता है.

मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार बोले- हमेशा रहें सतर्क

मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार ने कहा कि कोई भी बीमारी का इलाज झाड़-फूंक, कंडा, ताबीज, भभूत और मंत्र से नहीं किया जा सकता है, इसलिए पाखंडियों की बातों में न आएं और अपना तन, मन, धन और समय बचाएं. इस प्रकार के मैसेज को हमेशा नजरअंदाज करें. किसी भी पाखंडी को पेमेंट न करें. किसी भी अनजान लिंक को क्लिक न करें. उन्होंने कहा कि यूट्यूब में भी बहुत से अंधविवास फैलाने वाले वीडियो डाले गए है, ऐसे वीडियो बिल्कुल न देखें और न ही झांसे में आएं.

अंधविश्वास के खिलाफ बना है कानून

एएसओ के अध्यक्ष मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार ने बताया कि देश में अंधविश्वास के खिलाफ कानून बना हुआ है. ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट 1954 (औषधि और जादुई उपचार अधिनियम 1954) इस कानून के तहत उन तमाम दावों और उनसे जुड़े विज्ञापनों पर रोक लगाई जा सकती है, जो जादुई शक्ति व दवाओं से इलाज करने का दावा करते हैं. तंत्र-मंत्र, झाड़-फूंक को अपराध माना जाता है.

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