फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ पर कुपोषण का गहरा दाग लग चुका था. CM भूपेश बघेल की योजनाओं ने कुपोषण पर तगड़ा प्रहार किया है. ‘कुपोषण’ का गहरा दाग मिट रहा है. गांव-गांव में कुपोषण पर ‘सुपोषण’ का प्रहार हो रहा है. बच्चों को जीवनदान देने अब जनप्रतिनिधि भी सामने आ रहे हैं, जो सरकारी योजनाओं और गोद लेकर बच्चों को कुपोषण की जकड़ से आजादी दिला रहे हैं. कुपोषण की समस्या से ग्रसित जिलों में रौनक लौट रही है. बच्चे तंदुरुस्त हो रहे हैं. राज्य सरकार के सुपोषण अभियान वरदान बन रही है. ऐसी ही एक तस्वीर जशपुर में देखने को मिली, जहां सरपंच ने 20 बच्चों की जिंदगी संवार दी.

स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति का गठन

दरअसल, जिले में कुपोषण के स्तर में कमी लाने, 0-5 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने, जनभागीदारी को बढ़ावा देने और एनिमिया मुक्त अभियान को सफल बनाने सुपोषण चौपाल कार्यक्रम का आयोजन जिला स्तर पर किया जा रहा है. कुपोषण स्तर में कमी और बेहतर क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति का गठन किया गया है.

कुपोषित बच्चों के लिए बना मददगार

स्वास्थ्य जागरूकता में सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समुदाय की पहुंच, विशिष्ट स्थानीय जरूरतों को पूरा करने और समुदाय आधारित योजना और निगरानी के लिए एक तंत्र के रूप में कार्य करने का एक मंच है, जो गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए बना मददगार साबित हो रहा है.

स्थानीय प्रतिनिधि अपनी सहभागिता निभा रहे

कुपोषण को दूर करने के लिए अधिकारियों द्वारा अपने चिन्हाकित गांव में जाकर सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधियों, पर्यवेक्षक, एएनएम, मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की उपस्थित में सुपोषण चौपाल लगाकर बच्चों के पालकों को जागरूक किया जा रहा है, जिसमें सरपंच, पंच, स्थानीय प्रतिनिधि अपनी सहभागिता निभा रहे हैं.

साफ-सफाई और बच्चों के कुपोषण पर चर्चा

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के निर्देशानुसार जिले के ग्राम पंचायतों में ग्राम स्वच्छता समिति का माह में एक बार बैठक आयोजित कर आंगनबाड़ी केन्द्र के मरम्मत, साफ-सफाई और बच्चों के कुपोषण पर चर्चा की जाती है.

47 बच्चों का कुपोषित श्रेणी में चिन्हांकन

इसी कड़ी में बगीचा विकासखण्ड के सेक्टर महादेवडांड के अन्तर्गत कुर्राेग पंचायत में वजन त्यौहार 2022 के अनुससार कुल 47 बच्चों का कुपोषित श्रेणी में चिन्हांकन किया गया है, जिन्हें सुपोषित करने के लिए पंचायत स्तर पर ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक आयोजित कर पोषण स्तर में सुधार हेतु सराहनीय प्रयास किया जा रहा है.

बच्चों को गोद लेकर सुपोषित कर रहे जनप्रतिनिधि

बैठक में संरपंच, उपसरपंच स्थानीय वार्ड पंच, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संयुक्त रूप से शामिल होते हैं और गंभीर कुपोषित बच्चों को गोद लेकर सुपोषित करने का सराहनीय कार्य करते हैं.

20 बच्चों को मिली नई जिंदगी

कुर्राेग पंचायत के संरपच दीपिका नागेश एवं उनके पति गोपाल नागेश ने उपसरपंच बिनोद गुप्ता के सहयोग से तीन बच्चों को एनआरसी भेजा है. इस तरह वर्तमान में कुर्राेग पंचायत में कुल 27 बच्चे कुपोषित हैं. 20 बच्चे स्वस्थ हो चुके हैं. जनप्रतिनिधियों के सहयोग से और भी बच्चों को स्वस्थ करने की कोशिश जारी है.

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