नई दिल्ली . दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोट छापने व सप्लाई करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर आठ लाख रुपये कीमत के पांच-पांच सौ के नोट के साथ बुल्गारियाई नागरिक को गिरफ्तार किया है.
स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने बताया कि आरोपी दिल्ली व गुरुग्राम में ही नकली नोट सप्लाई करता था. आरोपी का साथी श्रीलंका का नागरिक है. श्रीलंका का नागरिक बुल्गारियाई नागरिक को बताता था कि दिल्ली व गुरुग्राम में नकली नोट किसी सप्लाई करने हैं.
जांच में मालूम हुआ कि रसलान बुल्गारिया के शहर सोफिया का रहने वाला है. वह वर्ष 1996 में बुल्गारिया की सेना में भर्ती हुआ, लेकिन छह साल बाद इस्तीफा देकर कारोबार करने लगा. वह पहले वर्ष 2018 फिर 2019 में गोवा आया. यहां कारोबार की संभावना देखने के लिए आया था, लेकिन व्यवसाय में घाटा हो गया. तब वह हमवतन के नागरिक के साथ एटीएम कार्ड क्लोन करने लगा. तुगलक रोड पुलिस ने वर्ष 2019 में उसे गिरफ्तार कर लिया. वह दो साल बाद जेल से छूटा था.
श्रीलंका का ये नागरिक दुबई के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहा है. विशेष पुलिस आयुक्त ने बताया कि इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक व इंस्पेक्टर कुलदीप को नकली नोट छापने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के बारे में सूचना मिली थी. कई दिन की जांच के बाद इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक को पता लगा कि कई देशों में बैठे इस गिरोह के लोगों की मिलीभगत से गुरुग्राम के पालम विहार में नकली नोट छापे जा रहे हैं.
इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक को 21 जून को सूचना मिली थी कि नकली नोट छापने वाला विदेशी नागरिक नजफगढ़-कापसहेड़ा रोड स्थित गंदा नाला रोड पर आएगा. एसीपी वेदप्रकाश की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक व इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने यहां घेराबंदी कर बुल्गारियाई नागरिक रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव को पकड़ लिया.
बुल्गारियाई सेना में कर चुका है नौकरी…
रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव सोफिया (बुल्गारिया) का स्थायी निवासी है. बुल्गारिया में अपनी स्कूली शिक्षा के बाद वह 1996 में बुल्गारियाई सेना में शामिल हो गया और 6 वर्ष तक वहां सेवा की. 2018 में व्यवसाय की संभावना तलाशने के लिए भारत में गोवा का दौरा किया. 2019 में रुसलान फिर भारत आया और डोनट्स का बिजनेस शुरू किया, लेकिन कारोबार अच्छा नहीं चला. इसके बाद ये जालसाजी के गोरखधंधे में शामिल हो गया था.
यू-ट्यूब पर नकली नोट छापना सीखा था
आरोपी रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह नकली नोट छापने वाले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का हिस्सा था. वह पहली बार 2018 में भारत आया था. इसके बाद 2019 में फिर से भारत आया. यहां पर तुगलक रोड थाना पुलिस ने उसे जालसाजी के मामले में गिरफ्तार किया था. जनवरी 2021 में जमानत पर रिहा कर दिया गया. जेल में रहने के दौरान वह नकली नोट छापने व तस्करी करने वाले अपराधियों के संपर्क में आया. इसके बाद नकली नोट छापने लगा. आरोपी ने यूट्यूब पर नकली नोट छापने की तकनीक सीखी थी.