नितिन नामदेव, रायपुर। स्कूलों को ठीक करने के लिए हमने 1200 करोड़ की राशि दी. 1500 करोड़ की और जरूरत पड़ेगी. बच्चे जहां पढ़ाई कर रहे हैं, वहां स्वच्छ वातावरण होने की आवश्यकता है. स्कूलों को साफ और अच्छा दिखना चाहिए, इसके लिए राशि की कोई कमी नहीं आने देंगे. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जेएन पांडे स्कूल में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में कही.
प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत पर जेएन पांडे स्कूल में आयोजित शाला प्रवेशोत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने शाला प्रवेश उत्सव में सभी का अभिनंदन करते हुए कहा कि परीक्षा होने के बाद लोगों को गर्मी की छुट्टी का इंतजार होता है. छुट्टियों के खत्म होने के बाद सभी को स्कूल जाने और दोस्त-शिक्षकों से मिलने का इंतजार रहता है.
इस बार गर्मी को देखते हुए मैने शिक्षा मंत्री और आलोक शुक्ला से बात कर छुट्टी को 10 दिन के लिए बढ़ाने के लिए कहा था. उसके बाद मौसम में परिवर्तन आ गया. सबको मैं आज के दिन की बधाई और शुभकानाएं देता हूं. 1864 के इस विद्यालय में शुरुआत हुई थी, यह इकलौता स्कूल होगा, जिसने 4-4 मुख्यमंत्री दिए हैं, बहुत से अधिकारी दिए हैं. स्कूल के लिए 10 करोड़ का बजट दिया है. काम शुरू करो आगे जो बनेगा करेंगे.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल में सारी सुविधाएं दिए हैं. प्रदेश में आज 377 अंग्रेजी और 350 हिंदी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल हो गए हैं, जल्द ही 1000 हजार स्कूल पर कर किए जाएंगे. बस्तर में पहले नक्सलियों स्कूलों को बम से उड़ा दिया था. आज उन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 28 नए बिल्डिंग बनाने का हमने प्रस्ताव पास किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 में हमारी सरकार बनी है. शिक्षकों की भर्ती हुई है. आज से 4318 बालवाड़ियों का शुभारंभ हुआ है. गरीब के बचे को भी अवसर मिलना चाहिए. इसमें जो आवदेन आए हैं, जो लॉटरी में निकले, उनके ही एडमिशन होने चाहिए. अप्रोच से नहीं नियम से पालन होना चाहिए. कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय टेकाम के साथ रायपुर निगम महापौर एजाज ढेबर, विधायक कुलदीप जुनेजा, महंत रामसुंदर दास के अलावा प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला मौजूद थे.