Rajasthan News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के किसानों को पारंपरिक खेती के साथ ही आधुनिक कृषि पद्धति को भी अपनाना होगा। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी एवं उपज की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। बाजरा, तिलहन एवं दलहन के उत्पादन में जहां राज्य नंबर वन है, वहीं दूध और ऊन के उत्पादन में भी अव्वल है।
सीएम सोमवार को उदयपुर के बलीचा स्थित गौण मण्डी परिसर में आयोजित संभाग स्तरीय किसान महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक संभाग में किसान महोत्सव आयोजन के जरिए किसानों को नई तकनीकों से अवगत करवाया जा रहा है, ताकि कृषि एवं कृषकों को इसका भरपूर लाभ मिले। राजस्थान आर्थिक विकास में देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि महंगाई राहत कैंपों में मिल रहे 10 योजनाओं के लाभ से आमजन को बड़ी राहत मिल रही है।
कृषि में अग्रणी राजस्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार किसानों के लिए अलग से कृषि बजट पेश करने की शुरूआत की गई है। कृषक कल्याण कोष की राशि बढ़ाकर 7500 करोड़ रुपए कर दी गई है। राज्य में 42 हजार करोड़ रुपए की राशि से किसानों को अलग-अलग योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रतिमाह 2000 यूनिट बिजली निःशुल्क उपलब्ध करवायी जा रही है। प्रदेश में कृषि उपज मण्डियों का जाल बिछाया जा रहा है, जिनमें किसानों को उपज के अच्छे दाम मिल रहे हैं एवं व्यापारियों को व्यापार करने में आसानी हो गई है।
पशुपालकों को मिला संबल
सीएम कहा कि देश में राजस्थान एकमात्र राज्य है, जहां लम्पी रोग से मृत गौवंश के मुआवजे के तौर पर पशुपालकों को 40-40 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है। हाल ही में 42 हजार पशुपालकों के खातों में 175 करोड़ रुपए की राशि डीबीटी की गई है। वहीं, मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के अंतर्गत दो दुधारू पशुओं का निःशुल्क बीमा किया जा रहा है, जिसका प्रीमियम राज्य सरकार वहन कर रही है। राज्य सरकार की इन योजनाओं से पशुपालकों को संबल मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य में 3 हजार करोड़ रुपए की राशि से गौशालाओं को अनुदान दिया जा रहा है।
कृषि शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न निर्णय लिए जा रहे हैं। विगत साढ़े चार वर्ष में प्रदेश में 42 कृषि कॉलेज खोले गए हैं। कृषि अध्ययन में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु छात्राओं को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। कृषि विषय में अध्ययनरत सीनियर सैकण्डरी छात्राओं को 15 हजार रुपए, स्नातक एवं अधिस्नातक छात्राओं को 25 हजार रुपए एवं पीएचडी कर रही छात्राओं को 40 हजार रुपए प्रतिवर्ष प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य में स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनाकर लागू किया है। इसके अंतर्गत प्रदेश के हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी अब सरकार की है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के अंतर्गत 30 हजार विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग करवायी जा रही है। 500 विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए विदेश भेजने का प्रावधान किया गया है। 30 हजार छात्राओं को स्कूटी दी जा रही है। विगत साढे़ चार वर्ष में राज्य में 303 नए कॉलेज खोले गए हैं। सरकारी नौकरियों में वन टाइम रजिस्ट्रेशन के बाद सभी आवेदनों को निःशुल्क करने का प्रावधान किया है।
ये खबरें भी जरूर पढ़ें
- DGP सुधीर सक्सेना को विदाई समारोह में नहीं मिलेगी सलामी परेड! CM, मंत्री समेत अधिकारियों के लिए भी प्रथा खत्म, देखें स्पेशल DG का ये आदेश
- MP High Court: बीजेपी विधायक समेत प्रदेश सरकार, रीवा IG और मऊगंज एसपी को नोटिस, ये है पूरा मामला
- विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखकर हुए भावुक, कहा – इस फिल्म ने देश के सामने लाया गोधरा में हुई हिंसा का सत्य
- Bangladesh: ISKON प्रमुख चिन्मय कृष्ण की बढ़ी परेशानी, दास समेत 17 लोगों के बैंक खाते फ्रीज, ट्रांजेक्शन की होगी जांच
- स्मार्ट मीटर पर सरकार का फोकस, बाहर से आने वाले वाहनों से टोल टैक्स के साथ फास्ट टैग के जरिए Green Cess वसूली पर दिया जोर