उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UPSSSC परीक्षा के पहले दिन सॉल्वर गैंग के 21 लोगों को STF और पुलिस ने पकड़ा है। STF ने लखनऊ, बरेली, गोरखपुर और कानपुर से ये गिरफ्तारी की है। ये सभी माइक्रो ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से नकल कर रहे थे। इसके अलावा, प्रदेश के अलग-अलग शहरों से 99 नकलची भी पकड़े गए हैं।
UPSSSC की ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक की परीक्षा सोमवार को 20 जिलों में कुल 737 परीक्षा केंद्रों पर हुई। मंगलवार को परीक्षा दूसरा दिन है।
दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे थे सॉल्वर
STF SSP विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि सॉल्वर गैंग के 4 सदस्य लखनऊ, गोरखपुर से 2 और कानपुर से 1 को पकड़ा गया। इसके अलावा, 7 सॉल्वर को पुलिस ने कानपुर से गिरफ्तार किया है। इनसे हुई पूछताछ में बरेली में भी सॉल्वर गैंग के सदस्यों की जानकारी मिली।
दबिश देने पर 7 अन्य सॉल्वर को बरेली से पकड़ा गया। बरेली में यह सॉल्वर हाफिजगंज और रिठौरा सेंटर पर परीक्षा दे रहे थे। सॉल्वर दूसरे परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देने आए थे। इनके नेटवर्क का पता करने के लिए STF इनसे पूछताछ कर रही है।
लखनऊ में ब्लूटूथ लगा कर लेखपाल दे रहा था परीक्षा
लखनऊ में एसटीएफ ने 4 सॉल्वर को पकड़ा। इनमें एक का नाम कमलेश यादव है। वह लेखपाल की नौकरी करता है। आजमगढ़ में तैनात है। कमलेश ब्लूटूथ डिवाइस कान में लगाकर परीक्षा दे रहा था। उसको गोमतीनगर विस्तार के एक परीक्षा केंद्र से पकड़ा गया। इसके बाद एक चिमटी की मदद से उसके कान के अंदर से ब्लूटूथ डिवाइस निकाला गया। इसके अलावा, लखनऊ के मदेयगंज के एक केंद्र से सॉल्वर आजमगढ़ निवासी राहुल यादव को एग्जाम देते पकड़ा गया। वहीं, गाजीपुर के परीक्षा केंद्र सरस्वती इंटर कालेज से आजमगढ़ निवासी मनोज यादव समेत 2 अन्य सॉल्वर को पकड़ा गया।
गोरखपुर में STF ने नीना थापा इंटर कालेज के पास से अंबेडकरनगर में रहने वाले रितेश त्रिपाठी व दीपांशु वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। कानपुर के नौबस्ता स्थित परीक्षा केन्द्र एलवीएम इंटर कालेज से STF ने सॉल्वर जौनपुर निवासी सत्यम तिवारी को माइक्रो ब्लूटूथ के साथ गिरफ्तार किया गया।
8 से 12 लाख में हुई थी परीक्षार्थियों से डील
STF पूछताछ में आजमगढ़ के मानपुर गांव में रहने वाले राहुल यादव ने बताया कि आजमगढ़ के सॉल्वर कमलेश से 8 लाख रुपए में सौदा हुआ था। शनिवार को उसने डिवाइस दी। गाजीपुर थाना क्षेत्र स्थित सरस्वती कॉलेज से पकड़े गए मनोज यादव ने बताया कि उसे 12 लाख में परीक्षा पास कराने की डील हुई थी।
सॉल्वर गिरोह का सरगना मुरादाबाद के नाजिम को माना जा रहा है। इसे बरेली से पकड़ा गया है। पूछताछ में उसने बताया कि परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए बिहार से सॉल्वर लेकर आया था। परीक्षार्थी के स्थान पर सॉल्वर बैठाने के लिए एडमिट कार्ड पर फोटो मिक्सिंग कर एडमिट कार्ड एवं इसी तरह से आधार कार्ड भी बनाया था। हर अभ्यर्थी से 10-15 लाख रुपए नौकरी के बाद देने की बात तय हुई थी।
नाजिम के साथ यूपी STF ने बिहार, नालंदा के रहने वाले नीरज कुमार (सॉल्वर) और गया के रहने वाले संदीप कुमार (सॉल्वर), परीक्षार्थी मुरादाबाद निवासी जाबिर अली (परीक्षार्थी), मोहनिस (सरगना का मददगार), मुकेश कुमार (परीक्षार्थी/मीडिएटर) और उत्तराखंड निवासी कुलदीप को पकड़ा है।
नकल करते हुए पकड़े गए 99 मुन्नाभाई
इसके अलावा, पहली पाली में 12, दूसरी पाली में 87 परीक्षार्थियों को नकल करते हुए पकड़ा गया। ज्यादातर हाईटेक तकनीक यानी माइक्रो ब्लूटूथ से नकल करते हुए पकड़े गए हैं। इनमें से ज्यादातर का लिंक सॉल्वर गैंग से है। एसटीएफ इसकी जांच कर रही है। यह कान में माइक्रो ब्लूटूथ लगाकर बैठे हुए थे। जबकि आसपास बैठा गैंग का सॉल्वर सवाल का जवाब बताता जाता है। जिसे यह OMR शीट में भरते रहते थे।
एसटीएफ ने आजमगढ़ से 2, आगरा से 4, अलीगढ़ से 11, बांदा से 5, बरेली से 4, नोएडा से 3, गाजियाबाद से 14, गोरखपुर से 5, कानपुर नगर से 14, लखनऊ से 13, मेरठ से 3, मिर्जापुर से 4, मुरादाबाद से 2, प्रयागराज से 2, वाराणसी से 9 और अयोध्या, बस्ती, गोंडा से 1-1 सॉल्वर को पकड़ा है।
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