रायपुर। पैरों में काला धागा पहनना, एक ऐसा टोटका है जिसे कई लोगों को अपनाते हुए आपने जरूर देखा होगा. अब तो पैरों में काला धागा पहनना एक फैशन भी बन चुका है. लड़कियों की बात की जाए तो काला धागा उनके लिए एक टोटका नहीं बल्कि फैशन और स्टाइल का हिस्सा भी है. ज्‍योतिष शास्‍त्र के मुताबिक काला धागा पहनने से जीवन में कई बार परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, जबकि यदि काले धागे को सही समय और स्थान पर पहना जाए तो यह आपको कई लाभ पहुंचा सकता है.

काला धागा कब बांधना चाहिए?

काला धागा न्याय के देवता शनि का प्रतिनिधित्व करता है. जीवन से नकारात्मक शक्ति का प्रभाव और बुरी नजर का दोष दूर करने के लिए इसे हाथ, पैर और बाजुओं पर धारण किया जाता है. यदि आप इसे पैरों में धारण कर रहे हैं तो मान्यताओं के अनुसार आपको इसे शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में जा कर ही धारण करना चाहिए.

किस पैर में काला धागा धारण करना चाहिए?

ज्‍योतिष शास्‍त्र के मुताबिक महिलाओं और कन्याओं को बाएं पैर में ही काला धागा पहनना चाहिए. दरअसल, महिलाओं के बाएं अंग को शास्त्रों में शुभ माना गया है इसलिए काला धागा भी बाएं पैर में ही बांधना चाहिए.

कितनी गांठ बांधें? कितने समय में बदला जा सकता है काला धागा?

महिलाओं को काले धागे में 7 गांठ बांधनी चाहिए और हर गांठ के साथ आपको ॐ शनये नम: मंत्र का जाप करना चाहिए. हमेशा शनिवार के दिन ही अपने पैर का काला धागा बदलें और पुराने धागे को बहते जल में प्रवाहित कर दें। आप 1 साल में 1 बार अपने पैर का काला धागा बदल सकती हैं.