बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने रायपुर शंकर नगर के पॉश इलाके में करोड़ो की सरकारी जमीन से बेजा कब्जा मकान हटाने का आदेश दिया है. इस ज़मीन का कुछ हिस्सा पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल को भी आवंटित हुआ है. कोर्ट ने सरकार को इसके लिए छै महीने का वक्त दिया है. कोर्ट ने कहा कि इसके बाद सरकार अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे.
दरअसल, खैरुनिशा फ़रिश्ता ने तीन महीने पहले एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि शंकर नगर के पॉश इलाके में अरबों की सरकारी ज़मीन पर शहर के बड़े लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है. ये करीब 35 से 37 एकड़ है. इसमें खम्हारडीह का पूर्व मुख्यमंत्री श्यामा चरण शुक्ल को 0.32 हैक्टेयर आवंटित किया गया था
इस मामले में शासन ने बुधवार को अपना जवाब पेश किया. शासन ने माना कि यहां सरकारी ज़मीन पर कब्जा हुआ है. इस ज़मीन पर पहले घास और छोटे झाड़ का जंगल था. कोर्ट में शसान ने ये भी कहा कि इसमें से कुछ ज़मीन पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ला को आवंटित की गई थी.
सरकार की एफिडेविट के बाद कोर्ट ने 6 महीने में शासकीय भूमि से कब्ज़ा हटाने के निर्देश राज्य शासन को दिए हैं. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस राधाकृष्णन और जस्टिस शरद गुप्ता ने की. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने मामले की पैरवी की थी.
स्वर्गीय श्यामाचरण शुक्ल के बेटे अमितेश शुक्ला कहना है कि सरकार ने उनसे कुछ जमीन ली थी जिसके एवज में यह जमीन दी गई थी इस बारे में वह कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।
देखिए इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील सतीशचंद्र वर्मा ने क्या कहा-
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