नोएडा. सुपरटेक समूह के खिलाफ ईडी ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की. जांच एजेंसी ने इसके चेयरमैन आर.के अरोड़ा को दिल्ली स्थित दफ्तर से गिरफ्तार कर लिया. अरोड़ा बिल्डर संगठन नेरेडको के चेयरमैन भी हैं.
सुपरटेक ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और यूपी पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज की हुई हैं. इन्हीं एफआईआर के बेस पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत ईडी ने इन्वेस्टिगेशन शुरू की थी. इन सभी एफआईआर में एक जैसा आरोप था. आरोप था कि कंपनी और उसके डायरेक्टर अपनी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में बुक किये गे फ्लैटों के खिलाफ संभावित खरीदारों से एडवांस रकम लेकर लोगों को धोखा दे रहे हैं. आरोप लगाया गया कि कंपनी टाइम पर फ्लैटों का कब्जा देने में फेल रही है.
आरके अरोड़ा बिल्डरों के संगठन नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नेरेडको) के अध्यक्ष भी हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अप्रैल में, मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई थी. इसमें उत्तराखंड की 25 अचल संपत्तियां और यूपी के मेरठ में बना मॉल शामिल है.
अप्रैल में एक बयान में ईडी ने कहा था कि कंपनी और उसके निदेशक अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं में बुक किए गए फ्लैटों के लिए एडवांस के रूप में संभावित खरीदारों से धन इकट्ठा करके लोगों को धोखा देने की आपराधिक साजिश में शामिल थे और खरीदारों को समय पर पजेशन देने में विफल रहे.
ये हैं आरोप ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला कि सुपरटेक लिमिटेड और समूह की कंपनियों ने घर खरीदारों से धन जुटाया. फ्लैटों के निर्माण के उद्देश्य से बैंकों से ऋण भी लिए. इस रकम का गबन किया और समूह की अन्य कंपनियों के नाम पर भूमि खरीद के लिए उस पैसे का इस्तेमाल किया. इन भूमि को गिरवी रखकर बैंकों से फिर कर्ज लिया.