मानसून का मौसम शुरू होते ही माता-पिता को अपने बच्चों की देखभाल पर extra ध्यान देना जरूरी हो जाता है. इसका कारण है कि बदलती मौसम की स्थिति उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है.

मानसून के दौरान बढ़ती नमी बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक सूक्ष्म जीवों के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाती है, जिनके संपर्क में आकर बच्चों को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. बच्चों को बदलता मौसम जल्दी अपनी चपेट में लेता है, क्योंकि बड़ों की तुलना में बच्चों की इम्युनिटी थोड़ी कम होती है. ऐसे में इन 5 तरीकों से बच्चों को मानसून की बीमारियों से सुरक्षित रखें.

जलजमाव वाले क्षेत्रों से बच्चों को रखें दूर

जलजमाव वाले क्षेत्र विभिन्न स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं. इनसे डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है.ऐसे में अच्छा यही होगा कि आप अपने बच्चों को ठहरे हुए पानी वाले क्षेत्रों से दूर रहने के लिए कहें.उन्हें ऐसे क्षेत्रों में या उसके आसपास खेलने से मना करें क्योंकि उनमें नुकीली वस्तुएं या बीमारी फैलाने वाले मच्छरों का खतरा हो सकता है. इसके अलावा यदि आपके घर की छत, गार्डन या कोई अन्य जगह में पानी का जमाव हो रहा है तो उसे तुरंत साफ करें.

सही फुटवियर पहनाएं

मानसून के दौरान फिसलन की संभावना बढ़ जाती है और गीले फर्श और गड्ढों में बैक्टीरिया और कीड़े हो सकते हैं. ऐसे में बच्चों को उनसे सुरक्षित रखने के लिए उन्हें सही फुटवियर्स पहनाएं.इसके लिए अच्छी ग्रीप वाले जूतों या बरसाती जूतों में निवेश करें. ये बच्चों को फिसलने और गिरने से बचाने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा बच्चों को अपने पैर सूखे रखने के लिए कहें.

मच्छरों से ऐसे करें बचाव 

मानसून में मच्छर बहुत अधिक पनपते हैं. अपने घर के आस-पास की हर छोटी चीज की सफाई का ध्यान रखें. इससे मच्छर आपके घर को अपना ठिकाना नहीं बना सकेंगे. इसी के साथ अपने बच्चों पर मच्छरों से बचाने वाली क्रीम लगाकर रखें जिससे वह डेंगू और मलेरिया के खतरनाक मच्छरों से बचा रहे.सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है. ऐसे में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए माता-पिता का सजग रहना जरूरी है.

बच्चों के बिस्तर, खिलौने और कपड़ों को रखें साफ 

मानसून के दौरान बच्चों का बिस्तर, उनके कपड़े और खिलौनों को हमेशा साफ रखना चाहिए. इन सभी चीजों के कारण भी वे कीटाणुओं के संपर्क में आकर बीमार पड़ सकते हैं. इसी तरह बच्चों को अच्छी तरह से धुले हुए और अरामदायक कपडे ही पहनाएं. इससे हवा का सही प्रवाह होता रहेगा और बच्चे संक्रमण समेत बीमारियों से बचे रह सकेंगे. बिस्तर, कपड़े और खिलौनों के गंदे होने पर उनमें बैक्टीरिया पनपने का खतरा सबसे अधिक होता है.

भोजन का रखें ध्यान

अगर बच्चा सॉलिड फूड खाने लगा है तो उसे ताजा खाना ही खिलाएं. इस मौसम में बच्चों को पेट के संक्रमण की आशंका अधिक रहती है. छह माह या इससे छोटे बच्चे की इम्यूनिटी कम होती है. ऐसे में उसको ध्यान में रखकर ही आहार का सेवन करवाएं. पेट के संक्रमण को रोकने के लिए शिशु को उबला हुआ पानी ठंडा करके पिलाना चाहिए. इसके अलावा शिशु को हमेशा हाइड्रेट रखने की कोशिश करें.