PM Pranam Scheme : रायपुर। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पीएम प्रणाम योजना को मंजूरी दे दी गई है। पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करने के साथ वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ाना देना है। इसके साथ केन्द्र सरकार अगले तीन साल में किसानों के कल्याण के लिए 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।

राज्य केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग कम करेंगे, उन राज्यों को केन्द्र सरकार की तरफ से सहायता दी जाएगी यानी जो केमिकल फर्टिलाइजर में सब्सिडी में कटौती करेंगे, उसका 50 फीसदी ग्रांट के तौर पर उन्हें वापस कर दिया जाएगा। इसके साथ इस योजना के तहत जैविक खेती और वैकल्पिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। धरती को केमिकल से बचाने के उद्देश्य से बनाई गई योजना के तहत नैनो यूरिया और सल्फर कोटेड यूरिय़ा के भी इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ जैविक खेती के उत्पाद को मार्केटिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके।

पीएम प्रणाम योजना में क्या होगा?

केंद्र ने वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करने के मकसद से राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को एक नई योजना पीएम-प्रणाम को मंजूरी दी. साथ ही 3.68 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मौजूदा यूरिया सब्सिडी योजना को मार्च 2025 तक जारी रखने का भी फैसला लिया.

इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए 1,451 करोड़ रुपये की सब्सिडी के परिव्यय को मंजूरी दी. इससे कुल पैकेज 3.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. सीसीईए ने मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करने के लिए पहली बार देश में सल्फर-लेपित यूरिया (यूरिया गोल्ड) पेश करने का भी निर्णय लिया.