अजय नीमा, उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील क्षेत्र अंतर्गत गांव के तालाब से अवैध रूप से हाईवे निर्माण के लिए खनन की जा रही है। तालाब में करीब 100 फीट से अधिक खनन कर मिट्टी को रोड बनाने के उपयोग में लिया गया। जब इसका विरोध ग्राम पंयायत और ग्रामीणों ने किया तो तहसीलदार और पुलिस बल ने ग्रामीणों को शासकीय कार्य में बांधा डालने के मामले में प्रकरण दर्ज करने की बात कही। इसे लेकर ग्राम पंचायत द्वारा लिखित में कई शिकायत की गई है, लेकिन संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पूरा मामला जिले की घट्टिया तहसील क्षेत्र के उटेसरा गांव का है, जहां उज्जैन गरोठ नेशनल हाईवे निर्माण कंपनी के द्वारा ग्राम पंचायत की आपत्ति के बाद भी गांव के पास तालाब में अवैध रूप से मिट्टी खनन कर रोड बनाने के उपयोग में लिया गया। मामले में ग्रामीणों का कहना है कि गर्मियों के समय में तालाब से पानी का उपयोग किया जाता था, लेकिन कंपनी द्वारा खनन करने से गर्मी के समय में पानी की कमी परेशानी आई है। बारिश के समय में तालाब मे ज्यादा पानी भर जाने से कोई जनहानि भी हो सकती है। इस संबंध में एसडीएम और खनिज अधिकारी का कहना है मामले की जानकारी नहीं थी, इस पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि जिले के खनिज अधिकारी और तहसील में पदस्थ एसडीएम धीरेंद्र पाराशर को अवैध खनन की जानकारी नहीं है। जब कि कई बार ग्राम पंचायत ने लिखित में शिकायत भी की, लेकिन फिर भी एसडीएम को मामले की जानकारी नहीं हैं। अब देखना यह होगा कि मामला संज्ञान में लाने के बाद एसडीएम और जिला खनिज अधिकारी नेशनल हाईवे कंपनी के साथ जुड़े खनिज माफियाओं के ऊपर किस प्रकार से कार्रवाई करती है।
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