गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। एक नगर के दो नामों के प्रचलन से उत्पन्न भ्रातिंयों के निवारण के लिए गौरेला पेण्ड्रारोड नगर को प्राचीन प्रचलित नाम गौरेला को प्रचलन में लाकर पेण्ड्रारोड नाम को पूर्ण विलोपित करने की मांग स्थानीय और नेताओं ने की है. कलेक्टर को दिया है. नागरिकों ने निर्णय लिया है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं शासन प्रशासन को ज्ञापन प्रेषित कर नगर का एकमात्र नाम गौरेला करने की मांग की जाएगी.

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के अट्ठाइसवें जिला के रूप में गौरेला पेण्ड्रा मरवाही का गठन किया है. नगर गौरेला का एक अन्य नाम पेण्ड्रारोड भी है. गौरेला को पेण्ड्रारोड नाम अग्रेजों ने दिया था. इसी नाम से गौरेला में पेण्ड्रारोड नाम से रेलवे स्टेशन भी है.

नगर पंचायत गौरेला में विकास खंड गौरेला, थाना गौरेला, राजस्व निरीक्षक मंडल गौरेला,आदिम जाति उपयोजना क्षेत्र गौरेला सहित अनेक कार्यालय गौरेला नाम पर है. इसी नगर का एक नाम पेण्ड्रारोड भी है, जिस नाम पर रेलवे स्टेशन, तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, पोस्ट आफिस सहित अनेक केन्द्रीय व राजकीय कार्यालय संचालित हैं. पेण्ड्रा रोड नाम से संचालित समस्त कार्यालयों को गौरेला नाम से संबोधित कर एक नगर के दो नाम पर विराम लगाये जाने की मांग उठ रही है.

पेण्ड्रारोड के नाम से सर्वाधिक भ्रांति आठ किलोमीटर दूरस्थ नगर पेण्ड्रा से भी होती है. नाम की समानता के कारण दोनों नगरों में भ्रम उत्पन्न होता है. जब भी नवीन संस्था या कार्यालय की स्थापना होती है, दोनों गगरों के बीच मतभेद व्याप्त हो जाते हैं.

इन मतभेदों के स्थाई निवारण का उपयुक्त समाधान है कि गौरेला नगर दो नामों से मुक्त कर अपने प्राचीन नाम गौरेला से ही जाना जाये और पेण्ड्रारोड नाम के सभी कार्यालयों को गौरेला नाम पर कर पेण्ड्रारोड संबोधन को विलोपित करने से पेण्ड्रा और पेण्ड्रारोड नाम साम्य से उत्पन्न विवादों को सदा के लिये विराम दिया जाए.

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