रायपुर। राजनीति बहुत मुश्किल काम है. पहले मैं कॉर्पोरेट जॉब में था, वहां सिर्फ आपका बॉस आपको जज करता है, लेकिन यहां हर एक आदमी आपको जज करता है. आप किस तरह से उठ रहे हैं, किस तरह से बैठ रहे हैं. क्या खा रहे हैं, क्या पी रहे हैं. सब चीज का जजमेंट होता है. इस लिहाज से यह बहुत कठिन काम है. यह बात उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने ‘देसी टॉक’ में संदीप अखिल के साथ चर्चा में कही.
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NEWS 24 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के ‘देसी टाॅक’ कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने साथ सलाहकार संपादक संदीप अखिल से अनेक मुद्दों पर बातचीत की. पिता की मौत के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस दिन यह घटना (झीरम घाटी) हुई, उस दिन जिम्मेदार का अहसास हुआ. घटना के समय गांव से रायपुर आए. मैने अपनी मां की जो हालत देखी, उससे मुझे अपनी जिम्मेदारी का अहसास हुआ. उस जिम्मेदारी के अहसास ने मुझे खड़े होने की ताकत दी.
बतौर उच्च शिक्षा मंत्री के उन्होंने अपने कार्य की जानकारी देते हुए बताया कि जब विभाग की जिम्मेदारी मुझे मिली तो सबसे पहले हमने ब्रेन स्ट्रामिंग सेशन रहा, जिसमें विभाग की खामियों की जानकारी ली. रेग्युलर स्टॉफ की कमी, क्वालिटी स्टॉफ की कमी, कॉम्पिटिशन की भावना नहीं होने पाया. इस सब चीजों को चिन्हांकित कर उन्हें दूर करने का प्रयास किया.
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