Reliance Jio 5G Network. जियो को लेकर मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की योजना और फंड जुटाने की लगती दिख रही है. इसी वजह से कंपनी ने विदेशी बैंकों से संपर्क किया है. ET की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो इस फंड का इस्तेमाल 5G नेटवर्क को लेकर करेगा. रिलायंस जियो की इस साल की शुरुआत तक 5जी नेटवर्क पर ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने की योजना है.
भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने कर्ज लेने के लिए वैश्विक बैंकों से संपर्क किया है। कंपनी करीब 1-1.5 अरब डॉलर का कर्ज जुटाएगी. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लोन का इस्तेमाल 5G नेटवर्क गियर खरीदने के अलावा कई अन्य चीजों के लिए किया जाएगा.
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, जेपी मॉर्गन चेज़, सिटी, एचएसबीसी और अन्य जैसे वैश्विक ऋणदाता Jio के लिए लगभग 3-5 वर्षों के लिए ऋण की व्यवस्था करने के लिए तैयार हैं, जिसकी लागत सुरक्षित ओवरनाइट फाइनेंसिंग दर (SOFR) से अधिक होने की संभावना है.
ऋण की कीमत SOFR से लगभग 100 से 150 अंक अधिक हो सकती है. इसके अलावा यूरोपियन एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसी फिनवेरा जियो को ऑफशोर लोन देने के लिए कर्जदाताओं को गारंटी जारी कर सकती है.
5G को लेकर Jio का क्या है प्लान?
अंबानी की Jio पिछले अक्टूबर से तेजी से अपने 5G कवरेज का विस्तार कर रही है. टेलीकॉम ऑपरेटर पहले ही देश के लगभग 5,700 शहरों और कस्बों में 5G सेवाएं शुरू कर चुका है. जियो का कहना है कि वह 25 अरब डॉलर का संचयी 5जी निवेश करेगा, जिसमें 11 अरब डॉलर के 5जी स्पेक्ट्रम हासिल करने की लागत भी शामिल है. Jio एकमात्र भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटर है जिसने भारत की 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन किया है.
जियो एरिक्सन और नोकिया के साथ कर रही काम
Jio अपने 5G के लिए यूरोपीय नेटवर्क विक्रेता एरिक्सन और नोकिया के साथ काम कर रहा है. टेलीकॉम ऑपरेटर ने नोकिया से उपकरण खरीदने के लिए 1.6 बिलियन डॉलर जुटाने की इच्छा भी व्यक्त की है.
गौरतलब है कि नोकिया ने पिछले अक्टूबर में घोषणा की थी कि उसने भारत में 5G रोलआउट के लिए Jio को उपकरण आपूर्ति करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. रिलायंस जियो ने एयरवेव्स हासिल करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है. इसके साथ ही अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत में 5जी ऑफर करने वाली पहली कंपनी बन गई है.
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