नेहा केसरवानी, रायपुर। हमारे राष्ट्रीय नेताओं और आर्य समाज के बीच जुड़ाव रहा है. हम छत्तीसगढ़ी परंपरा के बढ़ावे के लिए लगे हुए हैं. 10 हजार से अधिक गौठान आज हम बना चुके हैं. तुलाराम परगनिहा हमारे समाज के पहले तहसीलदार थे. उन्होंने समाज सुधार के लिए बहुत से काम किए. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आर्य समाज के संस्थापक महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कही.

रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित ज्ञान ज्योति पर्व महासम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में तुलाराम परगनिहा का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि तुलाराम परगनिहा धरसींवा के पास विभोरी गाँव से थे. समाज के पहले तहसीलदार थे. अंग्रेजों के समय की बात है, उनका तहसीलदार कोर्ट घर में लगता था. उन्होंने अपनी सारी जमीन दान में दे थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि तुलाराम परगनिहा ने 1935 में कुर्मी समाज का गठन किया था. पहले छत्तीसगढ़ की महिलाएं ब्लाउज़ नहीं पहनती थीं, बल्कि पोल्का पहनती थीं. तुलाराम जी की लड़की जब पोल्का पहनकर आई तो समाज ने उनका बहिष्कार कर दिया था. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अनेकों कार्य किए. अंधविश्वास, अशिक्षा जैसी समस्या दूर की. कुरीतियों के खिलाफ़ संघर्ष किया.