अमृतांशी जोशी, भोपाल। राजधानी भोपाल कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में चल रहे दो दिवसीय C20 Sewa Summit का आज समापन होगा। दो दिन चलने वाले इस समिट में 21 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. Summit में सेवा ही सर्वोच्च धर्म है विषय पर मंथन हुआ। वहीं आज समापन सत्र में सीएम शिवराज भी शामिल हुए। 

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समिट को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में हमको जन्म होने के बाद घुट्टी पिलाई जाती है, दूसरों की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं, उन्हें कष्ट पहुंचाने से बड़ा कोई पाप नहीं है। सीएम ने कहा – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य, जब भाव मन में आ गया सब मेरे है तो दूसरो को दुखी कैसे देख सकते। भारत ने यही कहा। आज मध्य प्रदेश में कई कथा होती है, वो कहते है धर्म की जय हो, धर्म अच्छी चीज़ है। हमने कभी नहीं कहा केवल भरत का कल्याण हो, बल्कि दुनिया का कल्याण हो। 

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वहीं मुख्यमंत्री ने समिट में लाड़ली बहना योजना योजना जैसी कई योजनाओं का भी जिक्र  किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार लोगों के लिए काम कर रही है। मनुष्य को न्यूनतम सुविधा मिले ये राज्य सरकार की ड्यूटी है। मेरे अंदर भी दो शिवराज है, एक अंदर का शिवराज एक बाहर का शिवराज। बाहर का शिवराज बोलता है कभी बेईमानी कर दो, झूठ बोल दो, लेकिन मेरे अंदर का शिवराज उसे रोकता है वो अंतर्मन है। 
कार्यक्रम में 16 सेवा योगियों को सीएम शिवराज ने किया सम्मानित

अंबर पारे,
जीशान निज़,
प्रमांशु शुक्ला,
मोहन सोनी,
सैयद शाहिद मीर,
मनीष भावसार,
सुनीता भुविस्टाले,
शिवराज ख़ुशवा,
पद्मश्री उमाशंकर पांडे- सेवा योगी,
पूनम चंद गुप्ता- सेवा योगी,
पराग दीवान- सेवा योगी,
जयराम मीना- सेवा योगी,
श्रीतेश क्षोत्रिय- सेवा योगी,
श्विनोद तिवारी- सेवा योगी,
सपन कुमार (पत्रलेख),
दीप माला पांडे,

सी 20 सेवा वर्किंग ग्रुप ने दो दिन के सम्मेलन में 7 सजेशन  सामने आए हैं

1- राष्ट्रों के बीच क्रॉस कंट्री लर्निंग सहयोग को बढ़ावा देने जी-20 देशों से अनुकरणीय सेवा प्रथाओं का संकलन। 

2- सेवा और वसुधैव कुटुम्बकम दर्शन को बढ़ावा देने वाले नागरिक सामाजिक संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क स्थापित करना। 

3- सरकार सामाजिक कार्यों में बड़े पैमाने पर भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय  सेवा अभियान आयोजित कर सकती है। 

4- सार्थक जीवन को बढ़ावा देने के लिए नीति को विकसित करना और उस सेवा को स्वयंसेवा और परोपकार जैसी निस्वार्थ सेवा के लिए एक समावेशी शब्द के रूप में स्थापित करना।

5- सेवा सभी प्रयोजन और कार्यक्रमों के लिए विकास उपकरण के रूप में कार्य करेगा, जो संगठनों और व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।

6- सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने और स्वयंसेवी गतिविधियों में बच्चों और युवाओं को शामिल करने के लिए कार्मिक पाठ्यक्रमों में सेवा मॉडल की शुरुआत।

7- राष्ट्र निर्माण के लिए बुजुर्ग और सेवानिवृत्त लोगों के कौशल और ज्ञान का उपयोग करके बुजुर्ग आबादी के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली स्थापित करना।

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