Raipur News: रायपुर. आज गुरू पूर्णिमा (Guru Purnima) है. आज सभी अपने गुरू को मैसेज भेजकर या उनसे मिलकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं, लेकिन आज हम आपको राजधानी रायपुर के एक ऐसे गुरू के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने शिष्य से ही नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाख रुपये की ठगी की.

 इस गुरू जी के खिलाफ ही अब शिष्य ने रायपुर कलेक्टर से जनदर्शन में शिकायत की है. हालांकि कुछ दिन पहले उसने शिकायत गुढ़ियारी पुलिस (Gudhiyari Police) से भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने के बाद उसे उम्मीद है कि कलेक्टर जनदर्शन में की गई शिकायत से उसके गुरू जी के खिलाफ कोई न कोई कार्ऱवाई जरूर होगी.

गुढ़ियारी में रहने वाले अविनाश सिंह ठाकुर जो CSEB में कार्यरत हैं, इन पर इनके शिष्य अविनाश घरड़े ने आरोप लगाए हैं कि उन्होंने अपनी पहुंच का हवाला देकर उसके और उसके भाई को सीएसईबी में नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाख रुपये से अधिक की ठगी की.

आरोपी गुरूजी ने सभी राशि अपनी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर कराई और जब नौकरी नहीं लगी और प्रार्थी ने अपने पैसे मांगे तो उन्हें वो घुमा रहा है, जिसके बाद पीड़ित पिछले दिनों गुढ़ियारी पुलिस के पास पहुंचा था. आज उन्होंने रायपुर कलेक्टर जनदर्शन में कलेक्टर से पूरे मामले की शिकायत की.

लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने की पड़ताल

इसकी पड़ताल जब लल्लूराम डॉट कॉम ने शुरू की और टीम गुढ़ियारी सीएसईबी (CSEB) ऑफिस पहुंची तो पता चला कि वो करीब 3-4 महीने से ऑफिस नहीं आ रहा है. टीम उसके घर पहुंची तो घर में उनकी पत्नी थी, पीड़ित ने जब ये पूछा कि उसके पैसे कब देंगे तो उनका कहना था कि पैसे उसके खाते में भेजने से पहले उससे (पत्नी से) उन्होंने (पीड़ित) ने पूछा था क्या ?

इसी बीच उनके घर के अंदर से एक बुजुर्ग महिला बाहर आई, उन्होंने बताया कि उनसे भी नौकरी के नाम पर 21 लाख रूपए लिए गए हैं. वे मूलतः भिलाई की रहने वाली हैं. अब उन्हें अपने मंत्रालय के एक रिश्तेदार के माध्यम से ग्रामीण बैंक में नौकरी लगवाने का झांसा दिया गया है.

उन्होंने दावा किया कि उनके पास उक्त अविनाश सिंह ठाकुर के चेक और बांड भी मौजूद है, जिसमें उससे 10 लाख रूपए लेने का जिक्र किया है, लेकिन वे समाज में बदनामी के डर से कोई शिकायत नहीं कर रहे हैं, ऐसी जानकारी उन्होंने दी.

यदि आपके साथ भी नौकरी लगवाने के नाम पर ऐसी कोई ठगी हुई हो तो लल्लूराम डॉट कॉम की टीम को 9329111133 पर इसकी जानकारी दें, यदि पीड़ित अपना नाम छिपाना चाहे तो जानकारी दिए जाने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा.

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