फीचर स्टोरी। बस्तर में अब विकास की तस्वीरें उभरने लगी हैं. गांव-गांव तक सड़कें फैल रही हैं. एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने का काम किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ की सरकार विकास से लोगों की जिंदगी आसान बना रही है. गांव-गांव तक पक्की सड़कें पहुंच रही हैं. संवेदनशील गांव में विकास के रास्ते खुल रहे हैं. स्वास्थ्य और शिक्षा की राह आसान हो रही है. रोड कनेक्टिविटी में इजाफा होने से यहां चहुंमुखी विकास के द्वार भी खुल गए हैं. स्वास्थ्य, शिक्षा सहित ग्रामीणों तक पहुंचने वाली तमाम योजनाओं के रास्ते खुल गए हैं.

ग्रामीणों के जीवन को सुगम बनाने का काम

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में लगातार बन रही बारहमासी सड़कों ने ग्रामीणों के जीवन को सुगम बनाने का काम किया है. सड़कों की कनेक्टिविटी अधोसंरचना विकास के सबसे महत्वपूर्ण पहलू में से एक है. पहुंच विहीन क्षेत्र में विकास के समस्त संसाधनों को सुनिश्चित करने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी की ही भूमिका होती है.

तकलीफों से मिली आजादी

मुख्यमंत्री बघेल ने अंदरूनी क्षेत्रों में भी मूलभूत अधोसंरचना के तहत पक्के रोड निर्माण को विकसित करने पर जोर दिया. इसी कड़ी में दंतेवाड़ा जिले में भी ऐसे सीमावर्ती दुर्गम क्षेत्र थे जहां रोड कनेक्टिविटी की समस्या सर्वाधिक थी. इस वजह से ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक आने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पीडीएस जैसी सुविधाएं पहुंचाने में भी कठिनाई होती थी.

गांव-गांव में बिछा सड़कों का जाल

पीएमजीएसवाई (ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण) द्वारा जुलाई 2022 से जून 2023 तक जिले के सभी ब्लॉक में सड़क निर्माण कार्य पूर्ण किये गए इनमें फरसपाल रोड़ से मिड़कुलनार (8.50 किमी.), कवलनार से पाडेवार (5.10 किमी.), कटेकल्याण से लखारास (2.50 किमी.), कोरीरास से किडरीरास (7.85 किमी.) सड़क बनी.

गाटम सूरनार से तोडेपारा सड़क निर्माण

साथ ही गाटम सूरनार से तोडेपारा (2.10 किमी.), गाटम सूरनार से पेनगुड़ीपारा (2.10 किमी.), टेकनार से राउतपार (2.60 किमी.), कारली से सरपंच पारा (2.10 किमी.), कटेपाल से ड़ोंगरीपारा (4.85 किमी.), बाजारपारा से केशापारा (1.27 किमी.), जबेली से बड़ेपारा (3.57 किमी.) सड़क बनी.

ग्रामीणों तक पहुंचने वाली तमाम योजनाओं के रास्ते खुले

इसके अलावा बड़ेपारा से बिरकानपारा (2.36 किमी.), कमालूर से बासनपुर (2.30 किमी.), गंजेनार से गाटम व्हाया धनीकरका (21.20 किमी.), गीदम बारसूर रोड़ से छिंदनार (10 किमी.), कटेकल्याण रोड़ से नेलबट्टीपारा मेटापाल (5 किमी.) में किए गए सड़क निर्माण कार्य में यहां के ग्रामीण जनजीवन को आसान कर दिया. स्वास्थ्य, शिक्षा सहित ग्रामीणों तक पहुंचने वाली तमाम योजनाओं के रास्ते खोल दिए.

संवेदनशील क्षेत्रों में भी पहुंची विकास की गाड़ी

इन समस्त ग्रामों में सड़क निर्माण का पूर्ण होना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि इन क्षेत्रों के संवेदनशील होने के कारण यहां कामगारों को संसाधनों के अभाव जैसी समस्याओं से जूझना पड़ा था. इन सड़कों के निर्माण से अब सुचारू आवागमन शुरु हो गया है जिससे अस्पताल, स्कूल, हाट बाजार एवं मुख्यालय आने-जाने की सुविधा सुलभ हुई है.

रोड कनेक्टिविटी में इजाफा

दंतेवाड़ा के इन अंदरूनी ग्रामों में रोड कनेक्टिविटी में इजाफा होने से यहां चहुंमुखी विकास के द्वार भी खुल गए हैं और ऐसे क्षेत्रों में भी शासन की योजनाओं की सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित हुई है.

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