Rajasthan News: स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने सोमवार को जयपुर में गांधीनगर स्थित शहीद लेफ्टिनेंट अभय पारीक राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में ‘डायल फ्यचर‘ प्रोग्राम के तहत चल रही गतिविधियों का निरीक्षण किया।

शासन सचिव ने इस दौरान बालिकाओं को दसवीं कक्षा के बाद स्ट्रीम और विषय चयन के लिए उपयोगी टिप्स देते हुए उनसे ‘कॅरियर गोल्स‘ और जिंदगी में कुछ बनने के लिए के बड़े सपने देखने जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण संवाद किया। उन्होंने शिक्षकों को भी विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के लिए ‘डायल फ्यूचर‘ के प्लेटफार्म का भरपूर उपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि स्कूल में प्रतिदिन जो बच्चे अनुपस्थित हो, उनके अभिभावकों को फोन कर मैसेज करें और पैरेंट्स के साथ सतत समन्वय से विद्यार्थियों की स्कूलों में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। साथ ही 11वीं कक्षा में अधिक से अधिक एडमिशन के लिए विद्यालयों के आसपास के क्षेत्रों में सघन सम्पर्क करने के भी निर्देश दिए।

शासन सचिव ने स्वयं बालिकाओं की काउंसलिंग करते हुए बताया कि कॅरियर में आगे बढ़ने के लिए आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम्स के तहत आने वाले सभी विषयों का बराबर महत्त्व है। कोई भी स्ट्रीम या सब्जेक्ट किसी से कम नहीं है। विद्यार्थी अपनी रूचि के अनुसार इनका चयन करते हुए अलग-अलग फील्ड में आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि दसवीं के बाद स्कूल में प्लस वन और प्लस टू और फिर कॉलेज में अगले तीन सालों में ‘टेक्सट बुक्स‘ का गहराई से अध्ययन करने से विषयों पर पकड़ और बुनियाद मजबूत होती है। ग्रेजुएशन के बाद चाहे आईएएस बनना हो या फिर आरएएस, स्कूल लेक्चरर बनना हो या फिर सीए, ग्राम सेवक बनने का लक्ष्य हो या फिर पटवारी के रूप में चयनित होने का, सभी के लिए कॉम्पीटिशन फाइट करना होता है।

उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी इस प्रकार से नियमित तौर पर 7 से 10 घंटे अध्यययन करते हैं, वे हर स्तर के ‘कॉम्पीटिशन एक्जाम‘ में सफल होकर अपना मनचाहा मुकाम पा सकते हैं। इसलिए पांच साल तक लगातार कड़ी मेहनत के साथ अध्ययन करने का ‘कॅरियर ग्रोथ‘ में अहम रोल है। उन्होंने ‘शॉर्ट कट‘ या ‘शॉर्ट टर्म मैथड‘ के बजाय रेगूलर और ‘थोरो स्टडी‘ की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला।   

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