रवि गोयल, सक्ती. स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्राचार्या की मनमानी का प्रकरण सामने आया है. प्राचार्या ने मनमाने ढंग से पढ़ाई में कमजोर करीब 12 बच्चों का स्कूल से नाम काटकर उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया. स्कूल से बाहर किए गए ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से हैं. जिनके मां-बाप रोजी मजदूरी कर अपने बच्चो को पढ़ा रहे हैं. ऐसे में उन बच्चो के मां बाप के लिए बड़ी समस्या पैदा हो गई है कि आखिर अब उनके बच्चे के भविष्य का क्या होगा ?

बच्चे के परिजन स्कूल की प्रिंसिपल पी. गबेल से मिलने स्कूल भी पहुंचे. लेकिन प्राचार्य ने सभी को चिल्लाते हुए स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया. प्राचार्य ने बच्चों के परिजनों को चिल्लाते हुए कहा कि तुम्हारे बच्चों को स्कूल में वापस नहीं लूंगी. जिससे शिकायत करना है कर लो. प्राचार्य के इस रवैये के बाद बच्चों के परिजन स्कूल से घर लौट गए. अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिर उनके बच्चों के भविष्य का अब क्या होगा.

बच्चो के भविष्य से ज्यादा स्कूल के नाम की चिंता

प्राचार्य का कहना है कि पढ़ाई में कमजोर बच्चों की वजह से स्वामी आत्मानंद स्कूल का रिजल्ट खराब आ रहा है. स्कूल का नाम खराब हो रहा है. जिसके चलते हमें अपने उच्च अधिकारियों से काफी सुनना पड़ता है. यही वजह है स्कूल से कमजोर बच्चो को बाहर किया जा रहा है. लेकिन प्राचार्य ये बात भूल गईं कि अगर बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं तो उसके जिम्मेदार कहीं न कहीं स्कूल के शिक्षक भी हैं. ऐसे में बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने के बजाए उन्हें स्कूल से बाहर निकलना समझ से परे है.

उच्च अधिकारियों के निर्देश का कर रही पालन- प्रिंसिपल

मामले को लेकर प्राचार्य का कहना है कि जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर थे और रेगुलर स्कूल नहीं आते थे, उनका नाम काटा गया है. इसके लिए उच्च अधिकारियों से निर्देश प्राप्त है.