रोहित कश्यप, मुंगेली. जुलाई 2018 में संविदा कर्मचारी अपने नियमितिकरण के लिए संघर्षरत थे. उस दौरान कांग्रेस के बड़े नेता हड़ताली मंच में जाकर कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिनों के भीतर नियमित करने का वादा किया था और इनकी मांगों को 2018 के कांग्रेस जन घोषणा पत्र में शामिल किया था. इन वादों के 5 साल बीत गए हैं, लेकिन सरकार की संविदा कर्मचारियों को लेकर मंशा स्पष्ट नहीं दिखाई देती. संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन नियमितिकरण के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. साथ ही सद्बुद्धि यज्ञ भी किया गया.

महासंघ के जिला संयोजक ताकेश्वर साहू ने बताया कि, सरकार ने हम संविदा कर्मचारियों से साढ़े चार साल में सरकार की तरफ से संवादहीनता की स्तिथि है. रथयात्रा में 33 कलेक्टर को ज्ञापन और कई कांग्रेस विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद भी संवाद कायम नहीं किए. यह लोकतंत्र में चिंताजनक और दुखद है. सरकार अपने वादे अनुरूप हमें नियमितिकरण पर स्पष्ट रूप से मंशा जाहिर करें.

एनएचएम जिला अध्यक्ष लव सिंह बताया कि, आगर खेल परिसर में संविदा कर्मचारी की भीड़ देख सरकार को अपनी मंशा स्पष्ट करने की जरूरत है. वरना यह आंदोलन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जाएगा.


लोरमी ब्लॉक संयोजक नितिन चंद्राकर पथरिया ब्लाक संयोजक सूर्यकांत उपाध्याय ने बताया कि, कांग्रेस के कई बड़े नेता के अलावा सरकार के मुखिया के नाते मुख्यमंत्री विधानसभा में या अन्य मीडिया माध्यमों में नियमितिकरण की अपनी बात तो कहते हैं, लेकिन आज तक इस पर किसी भी प्रकार का ठोस अमल नहीं किया गया. यह रथयात्रा के माध्यम से रायपुर तूता में एकत्रित संविदाकर्मी की भीड़ 2024 के चुनाव में छत्तीसगढ़ में किस पार्टी की सरकार बनेगी यह तय करेगी. इस सरकार को सचेत होना चाहिए.


महासंघ के कोषाध्यक्ष मनीष तंबोली, और सक्रिय सदस्य दिलीप बसंत ने कहा कि, सरकार को हम स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते हैं कि, सरकार अपने उत्तरदायित्व से मुकर रही है. अभी भी समय है अपने अंतिम बजट अनुपूरक बजट में सरकार हम संविदा कर्मचारियों से किया हुआ वादा पूरा करे.

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