अजय शर्मा, भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनावों में अब महज कुछ महीने का ही समय बाकी रह गया है। इस लिहाज से जहां एक तरफ राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है, तो वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग भी तैयारियों में जुटा हुआ है। इसी सिलसिले में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) का प्रतिनिधिमंडल मध्य प्रदेश आया हुआ है। यहां तीन 3 से 5 जुलाई तक अधिकारियों ने चुनाव तैयारियों की समीक्षा की और उस पर संतोष भी जताया है।  

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कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर आयोजित चुनाव आयोग की वर्कशॉप में आज मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना शामिल हुए। चुनाव आयोग के पदाधिकारियों ने मध्य प्रदेश के दोनों प्रमुख अफसरों से चुनाव संबंधी तैयारियों और प्रदेश के कुछ जिलों में चुनावी तैयारियों को लेकर खास तौर से चर्चा की है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और आदिवासी अंचलों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर खास तौर पर तैयारी करने के लिए निर्देश दिए है। वहीं चुनाव आयोग की टीम स्थानीय अफसरों के साथ सुदूर अंचलों का दौरा कर चुनावी तैयारियों का फीडबैक भी लिया है।   

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चुनाव आयोग की टीम ने डीजीपी से लॉयन ऑर्डर से जुड़े मामलों पर सवाल जवाब करते हुए आपराधिक प्रवृति और मतदान केंद्रों पर उपद्रव करने वालों को सूचीबद्ध कर 1 अगस्त तक इनकी समूह की जानकारी दी जाने के भी निर्देश दिए है। वहीं इलेक्शन कमीशन की टीम ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस के सामने कुछ जिलों के निर्वाचन अधिकारियों की लापरवाही का नमूना भी रखा है। जिसमे बताया गया कि कुछ जिलों में निर्वाचन अधिकारियों ने मतदाता सूची को लेकर बेहतर काम नहीं किया है। अगर छोटे-मोटे कारणों को छोड़ दिया जाए तो बाकी चुनाव आयोग की टीम ने चुनावी तैयारियों को लेकर संतोष जताया है। 

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चुनाव आयोग के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा के नेतृत्व में आए दल ने महिला और पुरुष मतदाता, मतदान केंद्रों की व्यवस्था, नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, अपात्रों के हटाने, संशोधन, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की उपलब्धता और जांच, सुरक्षा की व्यवस्था, मतदाता जागरुकता कार्यक्रम की तैयारी आदि विषयों पर जानकारी ली।

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