गुरुग्राम . रेवाड़ी के गांव माजरा-भालखी में बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को लेकर रास्ता साफ हो गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जमीन की चारदीवारी का टेंडर जारी कर दिया गया है. जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा. राव ने कहा कि एम्स परियोजना न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में लोगों को लाभ देगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी क्षेत्र में खोलेगी.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि माजरा एम्स 750 बिस्तरों का अस्पताल होगा, जिसमें मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज सहित आईसीयू स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट सहित करीब 1500 व्यक्तियों को प्रतिदिन ओपीडी में देखने की सुविधाएं होंगी. इसके अलावा प्राइवेट वार्ड, ट्रामा बेड व आयुष बेड की सुविधाएं भी कैंपस में मिलेंगे. कैंपस में नाइट शेल्टर, गेस्ट हाउस 1000 सीटों का ऑडिटोरियम, हॉस्टल व रेजिडेंसल सुविधाएं भी बनाई जाएंगी. एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ मेडिकल एजुकेशन, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधित रिसर्च अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा.

केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि माजरा में बनने एम्स का शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग व हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने माजरा पहुंचकर 200 एकड़ जमीन को कब्जे में लेकर निशानदेही का कार्य पूरा किया और जल्दी चारदीवारी का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 1300 करोड़ केंद्र सरकार एम्स के निर्माण पर खर्च करेगी.

रेवाड़ी में एम्स के बनने के बाद यहां के लोगों को खासकर रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, रोहतक, झज्जर, मेवात, पलवल व फरीदाबाद सहित राजस्थान के अलवर व झुंझुनू जिलों को भी इसका फायदा मिलेगा. एम्स में प्रत्यक्ष रूप से करीब 3000 व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत हरियाणा को केंद्र सरकार की ओर से सौगात मिली है.

750 बिस्तर का होगा एम्स

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि माजरा एम्स 750 बिस्तरों का अस्पताल होगा, जिसमें मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज सहित आईसीयू स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट सहित करीब 1500 व्यक्तियों को प्रतिदिन ओपीडी में देखने की सुविधाएं होंगी. इसके अलावा प्राइवेट वार्ड, ट्रॉमा बेड व आयुष बेड की सुविधाएं भी कैंपस में मिलेंगे. कैंपस में नाइट शेल्टर, गेस्ट हाउस 1000 सीटों का ऑडिटोरियम, हॉस्टल व रेजिडेंसल सुविधाएं भी बनाई जाएंगी. इस एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ोतरी के साथ मेडिकल एजुकेशन, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधित रिसर्च अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा.