रायपुर. प्रदेश में ईडी की कार्रवाई को लेकर लगातार सियासी संग्राम जारी है. एक बार फिर कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री रह चुके भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता सुशील आनंद ने कहा, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई के आधार पर राज्य सरकार पर आरोप लगाए गए हैं, जो भाजपा का षड्यंत्र है. साथ ही उन्होंने कहा, ईडी केंद्र सरकार के इशारे पर दुर्भावनापूर्वक गलत कार्रवाई करती है और भाजपा नेता उसी आधार पर आरोप लगाकर कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की कुचेष्टा करते हैं. प्रदेश की जनता भाजपा के इस चाल को समझ रही है.
आगे सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, भाजपा नेता ईडी की पटकथा के आधार पर आरोप लगा रहे कि, छत्तीसगढ़ में बिना एक्साइज ड्यूटी पटाए शराब बिक्री करने से 2168 करोड़ का घोटाला हुआ है. यदि ईडी के आरोप सही हैं तो ईडी ने शराब निर्माण के विक्रय के डिस्टलरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं किया. ईडी की कार्रवाई कही सुनी बातों के आधार पर बिना तथ्य के है.
आगे सुशील आनंद ने यह भी कहा कि, रविशंकर प्रसाद विधानसभा चुनाव नजदीक देखकर राजनीति प्रेरित झूठे आरोप लगाए हैं. राज्य में फ़रवरी 2020 में शराब कारोबारियों और उनसे संबंधित व्यक्तियों के यहां आयकर के छापे मारे गए थे. उसी के आधार पर ईडी जुलाई 2023 मे आरोप लगा रही. ईडी की टाइमिंग से साफ है कि, यह सब विधानसभा चुनाव के नजदीक आते देखकर मुद्दाविहीन भाजपा को कवरिंग फायर देने के लिए किया गया है. ईडी के खिलाफ अदालत में कई गवाहों ने मुख्यमंत्री का नाम लेने के लिए दबाव बनाने की भी शिकायत की है. एक गवाह ने ईडी की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने तक की चेतावनी दे चूका है. इससे यह साफ हो जाता है कि, छत्तीसगढ़ मे ईडी राजनैतिक बदले की कार्रवाई कर रही है.
कांग्रेस संचार प्रमुख ने कहा कि, राज्य मे 2012 में रमन सरकार ने देशी शराब के उत्पादन का अधिकार मात्र राज्य के ही मात्र 3 डिस्टलरों को मिल गया था. अन्य किसी डिस्टलर को उत्पादन निविदा में भाग लेने का अधिकार समाप्त हो गया था. रमन सरकार ने ही 2017 में शराब विक्रय का एकाधिकार सरकारी कम्पनी को सौंपा. शराब करोबार के लिए मैन पावर प्लेसमेन्ट एजेंसियो से लेना शुरू किया. देशी शराब कि आपूर्ति पूर्व पंजीकृत 3 ठेकेदारों से होती रही. रमन सरकार के कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष में शराब से कुल राजस्व 3900 करोड़ था. राज्य में कांग्रेस कि, सरकार बनने के बाद शारब नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया गया. व्यवस्था भी पूर्ववत रही, उसके बावजूद वर्ष 2023 रमन राज की अपेक्षा शराब का राजस्व 3900 से बढ़ के 6500 करोड़ हो गया. कांग्रेस सरकार के राज में तो राजस्व बढ़ा है, इसका मतलब यदि गड़बड़ी है तो रमन राज में थी. बिना एक्साइज ड्यूटी शराब बेचने की शिकायत की जांच भी राज्य सरकार 3 डिस्टलरों के खिलाफ करवा रही है.
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