नई दिल्ली . अब तक आप एयरपोर्ट जाते थे कि आपको प्लेन रनवे पर खड़ी दिखाई देती थी. लेकिन अब दिल्ली में आपको फ्लाइओवर के ऊपर हवाई जहाज खड़ा दिखाई देगा. चौंक गए न.. जी हां ऐसा ही कुछ नजारा आपको दिल्ली में जल्द देखने को मिल सकता है. नीचे फ्लाइओवर पर गाड़ियां चलती दिखाई देंगी और ऊपर प्लेन खड़ा दिखाई देगा. इसके लिए एयरपोर्ट संचालन कंपनी डायल द्वारा तैयार किया जा रहा भारत का पहला ईस्टर्न क्रास टैक्सी-वे बनकर तैयार हो गया है. डायल द्वारा इसके उद्घाटन की तैयारी की जा रही है.

दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान को एक से दूसरे टर्मिनल पर ले जाने के लिए अभी काफी दूरी तय करनी पड़ती है. इससे एक तरफ जहां समय खराब होता है तो वहीं दूसरी तरफ ईंधन की भी बर्बादी होती है. इसे ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट संचालन कंपनी डायल द्वारा स्पाइनल रोड पर भारत का पहला ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनाया गया है. इसके जरिये टर्मिनल एक को तीन से जोड़ा गया है. इस टैक्सी-वे के रास्ते विमान बड़ी आसानी से टर्मिनल संख्या 1 और 2 के बीच आवाजाही कर सकते हैं.

एलिवेटेड टैक्सीवेज को 203 मीटर चौड़ा और 1.8 किलोमीटर लंबा बनाया जा रहा है. बता दें कि यह भारत का पहला एलिवेटेड टैक्सीवे होगा. यह एलिवेटेड टैक्सी-वे टर्मिनल-1 व टर्मिनल-3 को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा. अतिरिक्त टैक्सीवे बन जाने के कारण उड़ान के लिए तैयार विमानों को टर्मिनल के पास नहीं खड़ा करना होगा और यात्रा में विलंब नहीं होगा. कई बार विमानों की भीड़ बढ़ जाने पर कई हवाई जहाजों को टैक्सीवे की जगह टर्मिनल पर ही खड़ा कर दिया जाता है. यहां से फिर रनवे तक पहुंचने में विमानों को ज्यादा समय लगता है.

डायल सूत्रों ने बताया कि इसका निर्माण कार्य पूरा करने के बाद इसकी सुरक्षा जांच करवाई गई है. इस जांच के दौरान कुछ सुझाव दिए गए थे, जिन्हें पूरा कर लिया गया है. यहां सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दोनों कैरिज-वे के बीच में बनी जगह को जाली से घेरा गया है. यह सुनिश्चित किया गया है कि यहां से कोई सामान ऊपर न फेंका जा सके. इस टैक्सी-वे के नीचे से ट्रैफिक चलता रहेगा और ऊपर से विमान एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकेंगे.

डायल सूत्रों ने बताया कि एयरपोर्ट पर सक्रिय जांच एजेंसियों में शामिल सीआईएसएफ, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन, दिल्ली पुलिस, खुफिया विभाग, एनआईए आदि ने इस टैक्सी-वे को सुरक्षित मानते हुए इसका इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है. टैक्सी-वे के नीचे सौंदर्यीकरण का कार्य भी पूरा हो गया है. डायल को उम्मीद है कि वह जल्द ही इस पर विमान की आवाजाही को शुरू कर सकेंगे.

एयरपोर्ट के आसपास की इमारतों में विमान की दिशा वाली खिड़कियों को स्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है. आसपास की इमारतों पर अवैध तरीके से किसी शख्स के प्रवेश करने पर इसकी जवाबदेही उस दफ्तर के अधिकारी की होगी. यहां ऊपर एवं नीचे सुरक्षाकर्मियों की तैनाती 24 घंटे रहेगी. यहां लगे लगभग 300 सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है.

इससे होने वाले लाभ

– एक वर्ष में 55 हजार टन कार्बन डाइऑक्साड उत्सर्जन कम होगा

– विमान को रन-वे पर पहुंचने में कम समय लगेगा जिससे यात्रियों का समय बचेगा

– एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक जाने वाली दूरी 9 किलोमीटर से घटकर 2.2 किलोमीटर हो जाएगी

– इससे प्रत्येक विमान का लगभग 350 किलो ईंधन हर बार बचेगा