प्राइवेट सेक्टर (private sector) में काम करने वाले कर्मचारियों (employees) के हित में सरकार ने साल 1995 को एक नया कानून लागू किया था. इस कानून का मसकद प्रावइेट सेक्टर में काम करने वाले को पेंशन (pension) का लाभ मिल सके. अगर किसी को बुढ़ापे में ज्यादा पेंशन चाहिए, तो उसके लिए EPS-95 एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. अगर आप नौकरी-पेशा हैं और रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पेंशन चाहते हैं, तो इस विकल्प पर गौर कर सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट अपने हिसाब EPS-95 की कमियां और खूबियां गिना रहे हैं.
सबसे पहले ये जान लीजिए कि EPS 95 क्या है और यह कैसे काम करता है? प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचाारियों के हित में सरकार ने साल 1995 को एक नया कानून लागू किया था. इस कानून का मसकद प्रावइेट सेक्टर में काम करने वाले को पेंशन का लाभ मिल सके. यह साल 1995 में लागू हुआ था और पेंशन से जुड़ा है. इसलिए इसका नाम EPS-95 दिया गया है. जब यह कानून बना था उस समय पेंशन फंड में अंशदान के लिए अधिकतम वेज 6,500 रुपये तय किया गया था. इसे बाद में बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया. यानी इस राशि का 8.33 फीसदी हिस्सा पेंशन फंड जाता है. इस बीच साल 2014 में बदलाव किया गया, जिसके बाद कर्मचारी को अपने बेसिक और DA की कुल रकम पर 8.33 फीसदी पेंशन फंड में अंशदान की छूट मिल गई.
नियम के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी ज्यादा पेंशन के लिए अप्लाई करता है तो सैलरी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. बदलाव का असर नियोक्ता के अंशदान में देखने को मिलेगा. अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी और DA हर महीने 20 हजार रुपये है तो इस हिसाब 2400 रुपये कर्मचारी के हिस्से से EPF खाते में डाला जाता है और नियोक्ता को भी 2400 रुपये का योगदान देना होता है, लेकिन नियोक्ता का सारा पैसा EPF खाते में नहीं जाता है. नए नियम के तहत नियोक्ता का 8.3 फीसदी हिस्सा यानी 1660 रुपये पेंशन खाते में जाने लगेगा. बाकी 740 रुपये EPF खाते में जाएगा. इस योजना का चुनाव करने वालों को और भी कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. करीब 75 लाख पेंशनर्स अभी EPS-95 योजना के लाभार्थी हैं.
नौकरी के कम साल बच्चे तो करें इसको इग्नोर
इस योजना के लाभ-नुकसान दोनों हैं. अगर नौकरी में अब कम साल बचे हैं तो फिर हायर पेंशन को इग्नोर करना चाहिए. सारा फोकस एकमुश्त राशि की तरफ होना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए पुरानी व्यवस्था के तहत ही आगे बढ़ना चाहिए. लेकिन नौकरी में अधिक साल बचे हैं तो फिर इसे विकल्प के तौर पर देख सकते हैं. कम से कम 20 साल बची नौकरी वालों के लिए EPS-95 फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
पेंशन के लिए कैसे करें अप्लाई
अगर आप हायर पेंशन के विकल्प को चुनते हैं तो अपने जहां काम करते हैंस वहां के HR से संपर्क कर सकते हैं. अधिकतर कंपनियों में HR की ओर से कर्मचारियों को इस बारे में मेल के जरिये सूचित कर दिया गया है, अगर आप इस विकल्प को चुनते हैं तो नए नियम के अनुसार EPF खाते में जाने वाली राशि अब EPS खाते में जाने लगेगी.
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