बिलासपुर हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है. दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने याचिका लगाकर गर्भपात कराने की इजाजत मांगी थी. चिकित्सीय रिपोर्ट के बाद मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस संजय के.अग्रवाल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि 5 चिकित्सकों की निगरानी में सुरक्षित गर्भपात कराया जाए. राज्य शासन को निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा है कि दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात का सारा खर्चा राज्य शासन वहन करे.  

पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने गर्भपात के संबंध में रायपुर मेडिकल कॉलेज के पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों से रिपोर्ट मांगी थी. डॉक्टरों ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा है कि दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग और शिशु हाई रिस्क में है
 
गौरतलब है कि 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता का 26 हफ्तों का गर्भ हैं. गर्भ ठहरने के बाद पीड़िता के पिता ने डाॅक्टरों से गर्भपात कराने के लिए संपर्क किया था, लेकिन डाॅक्टरों ने कानून का हवाला देते हुए इंकार कर दिया था, जिसके बाद पीड़िता के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. याचिका लगाए जाने के बाद कोर्ट ने चिकित्सीय रिपोर्ट तलब किया था. रिपोर्ट देखने के बाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. दुष्कर्म का आरोपी फिलहाल जेल में है.