बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) पर दुखों का पहाड़ टुट पड़ा है. खबर है कि उनकी मां शांतिरानी चक्रवर्ती का निधन हो गया है. वो लंबे वक्त से बीमार थीं. 6 जुलाई को उन्होंने अपनी अंतिम सांस लिया है.

मिथुन की मां का निधन 

एक्टर और पॉलिटिशयन मिथुन चक्रवर्ती के पिता के बाद उनके सिर से मां का साया भी उठ गया है. शुक्रवार को उनकी मां शांतिरानी ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. शांतिरानी मुंबई में मिथुन की पत्नी योगिता और बच्चों के साथ रहती हैं. इससे पहले वो बच्चों के साथ कोलकाता में रहा करती थीं. पर जैसे ही उनके बेटे मिथुन को सक्सेस मिली. वो मुंबई आकर रहने लगीं. Read More – इस दिन रिलीज होगा फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ का ट्रेलर, Alia Bhat ने शेयर किया डेट …

उम्र संबंधी बीमारियों से हुआ निधन 

बढ़ती उम्र के साथ मिथुन की मां बीमार होती चली गईं. उम्र संबंधी बीमारियों से जूझते हुए उनका गुरुवार को निधन हो गया. करीब तीन साल पहले मिथुन चक्रवर्ती के पिता बंसत कुमार चक्रवर्ती का भी निधन हो गया था.

कुणाल घोष ने जताया दुख 

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने शांतिरानी के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, मिथुन चक्रवर्ती की मां के निधन पर दुख है. मिथुदा और उनके परिवार को दुख सहन करने की शक्ति मिले. Read More – Harbhajan Singh 43th Birthday : युवराज सिंह ने हरभजन सिंह को खास अंदाज में दी जन्मदिन की बधाई, बताया अपना Partner In Crime …

सभी लोगों की तरह मिथुन भी अपने माता-पिता से काफी अटैच थे. एक इंटरव्यू के दौरान उन्हें पेरेंट्स संग कनेक्शन पर खुलकर बात भी की थी. मिथुन ने माता-पिता संग रिश्ते पर बात करते हुए कहा था- मेरे माता-पिता को कभी एहसास नहीं हुआ कि मैं बॉलीवुड स्टार बन गया हूं. उन्होंने कभी ऐसा नहीं जताया कि वो एक स्टार के पेरेंट्स हैं. वो काफी साधारण थे, जिन्होंने आम इंसान की तरह जिंदगी जीने में विश्वास किया. 

बता दें कि मिथुन (Mithun Chakraborty) के पिता गवर्नमेंट टेलीफोन एक्सचेंज ऑफिस में सुपरवाइजर तौर पर काम करते थे. वो एक हैप्पी फैमिली के हैप्पी इंसान थे. पिता के निधन के बाद मिथुन ने किसी तरह खुद को संभाला था. वहीं अब उनकी मां का जाना उन्हें गहरा सदमा दे गया. एक्टर के चाहने वाले दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. फैंस दुआ कर रहे हैं कि उन्हें जिंदगी के सबसे बड़े दुख को सहने की हिम्मत मिले. 

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