नई दिल्ली। उम्र बढ़ने के बाद भी अगर आपकी शादी नहीं हुई तो परेशान मत होइए. सरकार आपको जीवनसाथी तो नहीं दे सकती, लेकिन तसल्ली के लिए पेंशन देने जा रही है, जिससे आप कम से कम अपने कुंवारेपन के लिए सरकार को दोषी न ठहराएं.
बात हो रही है हरियाणा राज्य की. स्त्री-पुरुष अनुपात के भारी अंतर को पाटने में राज्य सरकार की लाचारी सामने आ गई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 45 से 60 साल के बीच के कुंवारों के लिए प्रतिमाह 2750 रुपए पेंशन देने की घोषणा की है. इस योजना में शामिल होने के लिए कुंवारों की आमदनी 1.80 लाख रुपए से कम होनी चाहिए. हितग्राही के 60 साल पार करते ही वृद्धावस्था पेंशन योजना शुरू हो जाएगी.
राज्य सरकार की योजना को लेकर अभी लोगों की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन इस प्रयास को एक तरह से उन कुंवारों के लिए मरहम के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्हें किसी न किसी वजह से जवानी के दिनों में संगनी नहीं मिली. कुछ नहीं तो इस छोटी सी रकम से किसी न किसी के सहारे अपना गुजर-बसर कर रहे कम आय वर्ग के लोग अपना खर्चा उठा पाएंगे, बल्कि छोटी-मोटी मदद करने वाले नाते-रिश्तेदारों को भी थोड़ी-बहुत रकम दे पाएंगे.
बता दें कि हरियाणा की स्त्री-पुरुष अनुपात की सबसे खराब स्थिति है. राज्य में वर्ष 2001 की जनगणना में प्राप्त लिंग अनुपात (सभी उम्र के लिए) में प्रति 1,000 पुरुषों पर 861 महिलाएं था. जबकि शून्य से छह वर्ष आयुवर्ग के लिए प्रति 1,000 पुरुषों पर 819 महिलाएं था. स्त्री-पुरुष अनुपात में बड़ी खाई की वजह से हरियाणा में दूसरी राज्य से लड़कियों को लाकर शादी कराने की घटनाएं गाहे-बगाहे सामने आती रहती है.