नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले (Balaghat District) के आदिवासी इलाकों (tribal areas) में फाल्सीपेरम मलेरिया (falciparum malaria) ने दस्तक दे दी है। फाल्सीपेरम मलेरिया से ना सिर्फ ग्रामीण इलाकों में लोग प्रभावित हो रहे है बल्कि नक्सल क्षेत्रो में सुरक्षा मे तैनात जवान भी मलेरिया ग्रसित पाए गए थे। 

Gwalior Crime: दबंगों ने आदिवासियों की हड़पी जमीन, मारपीट कर पहनाई चप्पलों की माला, थाने पहुंचे पीड़ित, इधर जमीन विवाद में दो परिवार भिड़े, महिला के साथ मारपीट

हाल ही मे एक और ताजा मामला बालाघाट के परसवाड़ा क्षेत्र के ग्राम कनारी गांव से सामने आया है, जहां एक 14 वर्षीय बालक मुकेश उइके फाल्सीपेरम मलेरिया पॉजिटीव निकला है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है और बालक को उपचार के लिये जिला अस्पताल में भर्ती कराने जद्दोजहद में जुट गई, लेकिन बालक ईलाज के डर से बचता रहा और जब भी स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखता, घर से भाग जाता।

MP NEWS: भिंड में दो दिन से लापता कलेक्ट्रेट के बाबू का तालाब में मिला शव, इधर दमोह में नदी में नहाने गया युवक डूबा, तलाश में जुटी SDRF की टीम

दरअसल अधिकारियों की माने तो एक साल पूर्व बालक मुकेश उइके के पिता की भी फाल्सीपेरम मलेरिया से ग्रसित होने के कारण मौत हो चुकी थी। जिसके चलते वह मलेरिया के नाम से दहशत में आ चुका था और उपचार ना कराने की जिद पकडे इधर-उधर भागता फिरता था। बालक इस दहशत में था कि वह इलाज करवायेगा तो उसकी भी मृत्यु हो जायेगी? लेकिन स्वास्थ्य अमले ने उसे समझाइश देकर अस्पताल में भर्ती करवाया है और उसका उपचार शुरू कर दिया है। फिलहाल  बालक का स्वास्थ्य ठीक है।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus