अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। जिले में लगातार हो रही चाकूबाजी (stabbing) की घटनाएं हो रही है. इस तरह के घटनाओं में ज्यादातर युवा पीढ़ी के लोग शामिल हैं. जिससे उनके परिजन परेशान है. वहीं इन घटनाओं पर पुलिस रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है. बीती रात की बात करें तो जिला मुख्यालय में ही युवाओं के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ और दोनों पक्षों के बीच चाकूबाजी (knife fighting) हुआ, जिसमें 4 युवक लहूलुहान हुए हैं. सभी घायलों का इलाज जारी है.

इसके पूर्व भाटापारा में भी लगातार चाकूबाजी की घटना सामने आई है. इसके अलावा समय-समय पर लगातार चाकूबाजी की घटना सामने आती रहती है. यह जरूर है कि पुलिस अधीक्षक दीपक झा और तात्कालिन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पितम्बर पटेल ने विशेष अभियान चलाकर बड़ी संख्या में चाकू बरामद किया था. लेकिन कार्रवाई शुन्य होने की वजह से पुनः चाकूबाजी बढ़ गई है. जिसका प्रमुख कारण विभागीय सूत्रों की माने तो जिले में ही पदस्थ थाने के सिपाही है जो पुलिस अधीक्षक के कार्रवाई के निर्देश को आरोपियों तक पहुंचा देते हैं और आरोपी सतर्क हो जाते है. समाजसेवियों की माने तो इसका बड़ा कारण नशा है. जिसके कारण घटना हो रही है और चाकूबाजी के साथ ही चोरी की घटना भी बढ़ी है.

पुलिस समय-समय पर छोटे-छोटे शराब कोचियों पर कार्रवाई कर वाहवाही लुटती है पर इन शराब कोचियों की मदद से उन बडे़ मछलियों तक पहुंचने का कभी प्रयास नहीं करती है. जिसके कारण अवैध शराब बिक्री बंद होने का नाम नहीं ले रही हैं.

छोटे-छोटे ठेलों, पान की दुकानों में बिक रही शराब

विश्वसनीय सूत्रों बताते हैं कि जिले में गांव से लेकर शहर तक छोटे-छोटे ठेलों पान की दुकानों में आसानी से अवैध शराब उपलब्ध हो रहा है. वही यह भी बता रहे हैं कि पुलिस के सिपाहियों को सब मालूम है पर कार्रवाई नहीं हो रही है. जिला मुख्यालय की बात करें तो यहां भी यही हाल है फिर ग्रामीण क्षेत्रों का क्या कहना. आवश्यकता इस बात की है कि पुलिस इन अवैध कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई करे. साथ ही बड़ी मछलियों पर कार्रवाई कर उनकी कमर तोड़े. देखने वाली बात होगी की लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए इसमें क्या कार्रवाई करती है.

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