फीटर स्टोरी। ये कहानी गौठानों में धन वर्षा की है. जहां पशुपालकों को समृद्धि मिल रही है और धन का अंबार मिल रहा है. गोधन न्याय योजना से गौपालकों, चरवाहों और समूह की महिलाओं में नया सवेरा आया है. जीवन में खुशहाली आई है. ग्रामीणों के सपनों को आकार मिल रहा है. गोबर से बने वर्मी खाद बेचकर महिलाओं की किस्मत चमक रही है. भूपेश सरकार की चाक चौबंद योजनाएं हितग्राहियों की तकदीर बदल रही हैं. लाभकारी योजनाओं की सुंदर तस्वीरें ग्रामीणों की मुक्कदर लिख रही हैं. ये तस्वीरें और कहानी कहीं और कही नहीं, बल्कि बालोद की हैं, जहां खुशियों की रौनक देखने को मिली.
दरअसल, राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के सफल संचालन ने ग्रामीणों के लिए आमदनी के द्वार खोल दिए हैं. यह योजना ग्रामीणों, पशुपालकों एवं महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है.
1300 क्विंटल वर्मी खाद का निर्माण
बालोद जिले में ग्राम बरही में संचालित ग्वालिन महिला स्वसहायता-समूह के लिए भी गोधन न्याय योजना ने आमदनी के स्थायी द्वार खोल दिए हैं. योजना के अंतर्गत बरही गौठान में समूह की महिलाएं अब तक 1300 क्विंटल वर्मी खाद का निर्माण कर चुकी हैं.
5 लाख 20 हजार रुपये की आमदनी
ये महिलाएं अब तक 05 लाख 20 हजार रुपये के 1007 क्विंटल वर्मी खाद की बिक्री कर प्रति सदस्य 47 हजार 272 रूपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त कर चुकी हैं. योजना से गांव में ही रोजगार मिलने से महिलाओं के आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई है.
कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति बरकरार
गोधन न्याय योजना हानिकारक रासायनिक खादों के दुष्प्रभावों से मुक्ति प्रदान करने के अलावा कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बरकरार रखने में भी अत्यंत मददगार साबित हो रही है. यह ग्रामीणों एवं समूह की महिलाओं के लिए स्थायी रोजगार का जरिया बन चुकी है.
आदर्श गौठान बरही में आई खुशहाली
आदर्श गौठान बरही में विभिन्न प्रकार की आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जिसमें से ग्वालिन स्वसहायता समूह की 11 महिलाओं द्वारा वर्मी खाद निर्माण का कार्य किया जा रहा है. यहां महिलाओं को निरंतर आमदनी होने से आज उनका जीवन स्तर काफी सुधर गया है.
गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी
समूह की सक्रिय सदस्य केंवरा बाई ने योजना की सराहना करते हुए कहा कि पहले उन्हें रोजगार की तलाश में आसपास के गांवों में जाना पड़ता था. कड़ी मेहनत के बाद भी ज्यादा आमदनी नहीं हो पाती थी. गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी एवं वर्मी खाद निर्माण कार्य प्रारंभ करने से उन्हें एक स्थाई काम मिल गया है, जिससे उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है.
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में मदद
उन्हें बताया कि वर्मी खाद निर्माण शुरू होने से महिलाओं को रोजगार एवं आमदनी का बेहतरीन जरिया मिल गया है. उनका पारिवारिक जीवन सुखमय हो गया है. अपनी आमदनी का उपयोग वे अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के अलावा अन्य घरेलू कार्यों में करती हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति जताया आभार
उन्होंने समूह की सहयोगी शारदा यादव को उनके नये घर के निर्माण के लिए 35 हजार रुपये का सहयोग भी किया है. इस तरह यह योजना सभी लोगों के जीवन को सजाने व संवारने का काम कर रही है. समूह की सभी सदस्यों ने गोधन न्याय योजना की सराहना की है. उन्होंने योजना के माध्यम से उनका जीवन सुखमय बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार भी जताया है.
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