वॉशिंगटन। दुनिया की बढ़ती चिंता के बीच अमेरिका ने अपने दशकों पुराने रसायनिक हथियारों के जखीरे को नष्ट कर दिया है. 70 सालों तक जमाकर रखे गए इन हथियारों को केंटुकी में अमेरिकी सेना के ब्लू ग्रास आर्मी डिपो में नष्ट किया. इस कवायद पर अमेरिकी सेना को करीबन तीन लाख करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं.

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस मौके पर कहा कि आज मैं गर्व के साथ ये बात कहना चाहता हूं कि अमेरिका ने हथियारों के आखिरी जखीरे को सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया. ये कदम दुनिया को केमिकल हथियारों के डर से मुक्त करने के और नजदीक ले आया है. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमारे रासायनिक हथियारों के भंडार को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया है. एक एक बड़ा कदम है.

रोबोटिक मशीन की ली गई मदद

अमेरिका पहले अपने रसायनिक हथियार समुद्र में फेंकना चाहता था, लेकिन लोगों के विरोध जताने के बाद उसने अपना फैसला वापस लिया. इसके बाद अब रसायनिक हथियारों को नष्ट करने के लिए रोबोटिक मशीन की मदद ली गई. इन हथियारों को शेल्स में खोलकर, सुखाकर और धोकर 1500 डिग्री फारेनहाइट पर जलाया गया.

दुनिया को अभी सतर्क रहना होगा

केमिकल हथियार निषेध संगठन (OPCW) के प्रमुख फर्नांडो एरियस ने कहा कि सभी घोषित रासायनिक हथियारों के भंडार को नष्ट करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इसके साथ ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ओपीसीडब्ल्यू ने चेतावनी दी कि रासायनिक हथियारों के हालिया उपयोग का मतलब है कि दुनिया को अभी भी सतर्क रहना होगा.