रायपुर. प्रदेश भर के लगभग 10 हजार संविदाकर्मी रायपुर तूता धरना स्थल में पहुंचे और एक साथ शिव तांडव गाकर सरकार से नियमितिकरण के वादे को पूरा करने अपील की. मंच पर राजयगीत और गीत गाकर सरकार को जल्द निर्णय लेने दबाव बना रहे हैं. रैली में निकले कर्मचारियों को पुलिस ने रोका तो जमकर झूमा झटकी हुई.
8 मार्च 2019 को गठित समिति को रैली के माध्यम से संविदा कर्मचारी अपनी मांग का ज्ञापन सौंपने मंत्रालय की ओर बढ़ रहे थे. जिसे पुलिस प्रशासन ने बैरी गेट के माध्यम से रोका. इस दौरान पुलिस के साथ झूमाझटकी भी हुई. इनका कहना है कि, अध्यक्ष पिंगुवा जी और 5सदस्यों ने इतने दिनो में क्या निर्णय लिया है, यह नहीं पता. साथ ही उक्त समिति के पदाधिकारियों को सार्वजनिक रूप से ज्ञापन सौंपकर हम अपनी मांग उन्हें अवगत कराना चाहते है, चूंकि 90 विधायक और 33 जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद भी सरकार अभी तक संज्ञान नहीं लिया है.
छोटा पड़ा तूता धरना स्थल
तूता धरना स्थल रायपुर शहर से दूर होने के बावजूद लगभग 10 हजार की संख्या में संविदाकर्मी हड़ताल में पहुंचकर अपनी आवाज बुलंद की. यह पहला अवसर है, जबकि धरना स्थल पंडाल पर जितनी भीड़ जुटी उतनी ही प्रांगण और बाहर भी उतनी भीड़ खड़ी हुई.
महासघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि, जनघोषणा पत्र में किए गए वादे अनुरूप संविदा नियमितिकरण की मांग को लेकर स्वास्थ्य विभाग सहित पंचायत, कृषि, शिक्षा, महिला बाल विकास और अन्य विभाग के संविदा कर्मचारी शामिल है. सभी विभाग के 45,000 संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से निरंतर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं.
कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे वर्ष 2019 में गठित कमेटी का रिपोर्ट अभी भी निर्णय नहीं हो पाया है. वर्तमान में सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का संवाद कायम नहीं किया गया है, जिसके चलते रायपुर में कर्मचारी अब प्रदेश स्तर पर हड़ताल की शुरुआत की है.
कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा कि, आंदोलन अब और भी तीव्र होता जाएगा. क्योंकि सरकार बात करने की कोई पहल नहीं कर रही है.
मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि, राजधानी में जुटी यह भीड़ आने वाले दिनों में सरकार का भविष्य तय करेगी.
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