फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ के गौठानों में महिलाएं आत्मनिर्भर हो गई हैं. भूपेश सरकार की योजनाएं पैसों की बारिश कर रही है. यूं कहें कि महिलाओं की झोली अब विकास की बयार से छलक रही है. मेहनत के बूते महिलाएं नित नई इबारतें लिख रही हैं. कहानी जदगलपुर की है. जहां स्व सहायता समूहों की महिलाएं गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादित कर मेहनत तले सफलता की कहानी लिखी है.
दरअसल, राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना किसानों और पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का अच्छा जरिया बन गया है. इसके साथ ही महिला स्व सहायता समूहों के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार का बेहतर विकल्प साबित हुआ है, जिससे स्व सहायता समूहों की महिलाएं गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादित कर आय संवृद्धि कर रहे हैं.
321 सक्रिय गौठानों में 4 करोड़ 91 लाख 14 हजार रुपये का खाद
यही वजह है कि जिले में गोधन न्याय योजनान्तर्गत अब तक 321 सक्रिय गौठानों में 4 करोड़ 91 लाख 14 हजार रुपये का 2 लाख 45 हजार 574 क्विंटल गोबर क्रय किया गया है. 69 हजार 989 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया गया है.
स्थानीय स्व सहायता समूहों को रोजगार के अवसर
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का उद्देश्य किसानों एवं पशुपालकों के आय में वृद्धि करने, पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक सहित पशुधन की बेहतर देखभाल करने, जैविक खाद का उत्पादन तथा विक्रय को बढ़ावा देकर रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी लाने, भूमि की उर्वरता में वृद्धि करने, स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने, स्थानीय स्व सहायता समूहों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कर उनकी आय में इजाफा करने, रबी एवं खरीफ फसल सुरक्षा और द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने और जैविक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता एवं सुपोषण की दिशा में समुचित पहल करना है.
5 करोड़ 26 लाख रुपये से अधिक राशि का खाद विक्रय
इस महत्वाकांक्षी योजनान्तर्गत जिले के गौठानों में 69 हजार 989 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादित किया गया है और लैम्पस समितियों के माध्यम से 5 करोड़ 26 लाख रुपये से अधिक राशि का खाद विक्रय किया गया है. विक्रय किये गये वर्मी कम्पोस्ट खाद की राशि से स्व सहायता समूहों को 1 करोड़ 68 लाख 35 हजार रुपये तथा गौठान समितियों को 2 करोड़ 50 लाख 79 हजार रुपये लाभांश राशि का वितरण किया जा चुका है.
वर्मी कम्पोस्ट खाद का शत प्रतिशत उठाव
जिले में किसानों द्वारा खरीफ फसल के लिए वर्मी कम्पोस्ट खाद का निरंतर उठाव किया जा रहा है, जिसके तहत जगदलपुर जनपद में बालीकोंटा, भेजापदर, खुटपदर, बस्तर जनपद में करमरी, उसरी, चोकर, बकावण्ड जनपद में खोटलापाल, कुम्हरावण्ड, बोरीगांव, मंगनार, लोहण्डीगुड़ा जनपद में मारीकोडेर, एरण्डवाल, एरमूर, चित्रकोट, तोकापाल जनपद मेंसिंगनपुर, कोण्डालूर, मटकोट दरभा जनपद में छिंदवाड़ा, बडेकडमा, कटेनार और बास्तानार जनपद में कण्डोली, कोडेनार 3, सिलकझोड़ी ऐसे गोठान है जहाँ की वर्मी कम्पोस्ट खाद का शत प्रतिशत उठाव किया गया है.
खेती कार्य के लिए 30 क्विंटल खाद का उठाव
कुम्हली के किसान बागचन्द देवांगन ने बताया कि गत वर्ष उसने खेतों में वर्मी खाद का उपयोग किया था, इससे उसके फसल की उत्पादन प्रतिशत अन्य वर्षों की अपेक्षा खरीफ वर्ष में अधिक रहा साथ ही जमीन की गुणवत्ता में भी सुधार दिखाई दी. इसी वजह से बागचन्द ने अपने खेती कार्य के लिए 30 क्विंटल खाद का उठाव किया है.
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