रवि गोयल, सक्ती. सरकार चाहे विकास के लाख दावे कर ले लेकिन आज भी कई ऐसी तस्वीरें निकलकर सामने आ जाती है जो सोचने पर मजबूर कर देती है कि आखिर विकास किसका हो रहा है? ऐसी ही एक तस्वीर नए जिला सक्ती से निकलकर सामने आई है. जो सक्ती के नगर सरकार के मुंह पर तमाचा मार रही है. यहां के मोहल्लेवासी आज भी मूल भूत सुविधाओ के लिए तरस रहे हैं. यह तस्वीर है सक्ती नगर पालिका के वार्ड नंबर 3 राजापारा के उरांव मोहल्ले की. जहां के लोगो को आजादी के 75 साल बाद भी एक सड़क नसीब नही हुई. आज भी यहां के लोग को नगर तक पहुंचने के लिए कई खेतों को पार करना पड़ता है. सक्ती शहर से महज 1 किलोमीटर दूर इस मोहल्ले में आज तक एक पक्का रास्ता लोगों को नसीब नहीं हुआ है.

मोहल्ले में रहने वाले लोगो की मुश्किलें शुरू हो चुकी है. बरसात के शुरू होते ही सक्ती नगर तक पहुंचना इनके लिए आसान नहीं होता है. चारो तरफ खेत के बीच में बसी बस्ती बरसात के समय समुद्र के बीच में एक टापू के समान हो जाती है. जिसे पानी और कीचड़ के बीच पैदल चलकर पार करना पड़ता है. छोटे-छोटे बच्चे इन्हीं मुसीबतों को पार कर स्कूल पहुंचते हैं. कई बार तो लगातार बारिश के चलते लोग बस्ती से बाहर ही नहीं निकल पाते. मोहल्लेवासियों पर मुसीबतों का पहाड़ उस वक्त टूट पड़ता है जब अचानक किसी को अस्पताल ले जाना हो. ऐसी परिस्थिति में लोग खाट में लेटाकर मरीज को अस्पताल पहुंचते हैं. इस दौरान मरीज की जान भगवान भरोसे ही होती है.

स्कूल से कटा बच्चों का नाम

सड़क की समस्या यहां के बच्चों के लिए एक मुसीबत का सबब बन गई. मोहल्ले के 6 से ज्यादा बच्चो का नाम स्कूल से काट दिया गया है. स्कूल के प्राचार्य कहती हैं कि बच्चे स्कूल नहीं आते. वहीं परिजन बताते हैं कि सड़क नहीं है. बरसात में खेतो में पानी भर जाता है. बच्चे कई बार खेतो में गिर जाते हैं. उन्हे कई बार चोट भी लग चुकी है. लेकिन इन सब से स्कूल प्रबंधन को कोई मतलब नहीं है. अब ऐसे में इनकी समस्या आखिर कौन सुनेगा और कौन दूर करेगा ?

उरांव बस्ती के लोगों ने बताया की कुछ महीने पहले मोहल्ले के एक युवक की अचानक तबियत बिगड़ गई थी. जिसे आनन फानन में खाट में लेटाकर अस्पताल ले रहे थे. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. समय पर अगर उसे इलाज मिल जाता तो शायद वो बच जाता. युवक शादीशुदा था जो अपने पीछे पूरा परिवार छोड़ गया. इसी तरह पहले भी समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से कई जान जा चुकी हैं.

सड़क नहीं तो वोट नहीं

सक्ती के वार्ड न 3 उरांव मोहल्ले के लोगो का कहना है की पांच साल तक किसी भी नेता को हमारी याद नही आती पांच साल में एक बार चुनाव के पहले वोट मांगने हमारे मोहल्ले में आते है और बड़े बड़े वादे कर के चले जाते है इसलिए इस बार हम सब ने भी तय कर लिया है की इस बार चुनाव का बहिष्कार करेंगे किसी भी चुनाव में भाग नही लेंगे, मोहल्ले में हम सब किस परिस्थिति से गुजर रहे है इससे किसी भी जनप्रतिनिधि या नेता को कोई सरोकार नहीं है वो केवल वोट मांगने यहां आते है.