आकाश श्रीवास्तव, नीमच। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है। साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी। यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है। एमपी की 230 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड (Vidhayak Ji Ka Report Card) देगा। लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है। विधायक जी का Report Card में आज बात नीमच विधानसभा सीट की।
नीमच विधानसभा सीट का इतिहास
नीमच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, मध्य भारत में मध्य प्रदेश राज्य के 230 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 1951 में तत्कालीन मध्य भारत राज्य के 79 विधानसभा क्षेत्रों में से एक के रूप में में अस्तित्व में आया। नीमच (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 229) नीमच जिले में स्थित 3 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। इस निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत जिले की पूरी नीमच तहसील आती है। नीमच मंदसौर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। नीमच विधानसभा सीट से भाजपा के दिलीप सिंह परिहार विधायक है।
नीमच शहर की हिस्ट्री
नीमच विधानसभा में महामाया भादवामाता का प्रसिद्ध मंदिर हैं। भादवा माता मालवा मेवाड़ा का एक बड़ा आरोग्य तीर्थ है। जिसे मालवा की वैष्णो देवी के नाम से भी जाना जाता है। यहां की बावड़ी के जल से स्नान करने से बड़े से बड़े रोग ठीक हो जाते हैं। नीमच सीआरपीएफ की जन्मस्थली भी है। नीमच में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती भी की जाती है। पूरे भारत में केवल दो अफीम के कारखाने है, जिसमे एक नीमच में मौजूद है। जलवायु के लिहाज से यह क्षेत्र अफीम उत्पादन के लिए उपयुक्त है। नीमच विधानसभा राजस्थान के प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ जिले से सटी हुई है। यहां की कृषि उपज मंडी प्रदेश की सबसे बड़ी मसाला और औषधि उपज मंडी है।
नीमच में मतदाता
नीमच विधानसभा को भाजपा का गढ़ माना जाता है। नीमच विधानसभा केंद्र क्रमांक 229 में कुल 224445 मतदाता है। 110300 मतदाता महिला और 114141 मतदाता पुरुष हैं। विधानसभा सीट पर किसी भी दल की हार जीत में राजपूत और सोंधिया राजपूत समाज के मतदाताओं की निर्णायक भूमिका मानी जाती है। इसके अलावा पाटीदार, ब्राम्हण वोटर भी चुनावी गणित को बिगाड़ने सुधारने में अहम भूमिका निभाते है। जनसंख्या और मतदाताओं के लिहाज से जिले की नीमच विधानसभा सबसे बड़ी विधानसभा सीट है।
क्या कहते हैं विधायक
विधायक दिलीप सिंह परिहार का कहना है कि क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में ट्रामा सेंटर, आयुष वार्ड बनाये गए है। मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण कार्य चल रहा है। संसाधनों और स्टाफ की कमी को दूर किया गया है। पेयजल, सिंचाई और उद्योगों के लिए डेम बनाए गए हैं। क्षेत्र में गांधी सागर से पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन डाली जा रही है। सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन की योजना स्वीकृत हुई है। शिक्षा में स्वामी विवेकानंद और सीताराम जाजू कन्या महाविद्यालय का उन्नयन किया गया है। खेल मैदान के लिए जमीन अलॉट करवाई गई है। कई सड़कों का निर्माण किया गया है। बंगला बगीचा समस्या को लेकर हमने व्यवस्थापन की कार्रवाई को प्रारंभ किया है। बिजली को लेकर ग्रिड और सौर ऊर्जा का प्लांट भगवानपुरा में बनवाया गया है। बिजली में क्षेत्र आत्मनिर्भर बना है। नीमच में पायलट ट्रेनिंग सेंटर और झांझरवाडा में ढाई सौ करोड़ रुपये की लागत से नया औद्योगिक केंद्र स्थापित किया गया है ।
विपक्ष का आरोप
कांग्रेस नेता उमराव सिंह गुर्जर ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आते है और हर बार वादे करते हैं और वादे पूरे नहीं होते हैं। बंगला बगीचा की समस्या का निराकरण नहीं हुआ। नीमच में अवैध कॉलोनियों को वैध करने का काम पूरा नहीं हुआ। किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन किसानों की आय आधी होती जा रही है। बड़े-बड़े व्यापारियों-उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम हो रहा है। उनके बड़े-बड़े लोन माफ किए जा रहे हैं, लेकिन किसानों की सुनने को तैयार नहीं है। नीमच, हिंगोरिया और बघाना का ओवरब्रिज बनाने का वादा भी पूरा नहीं हुआ। भाटखेड़ा से डूंगलावदा की सड़क को फोर लाइन करने का वादा भी पूरा नहीं किया है।
सड़कों का बिछा जाल
नीमच विधानसभा के ग्रामीण लोगों का विधायक पर भरोसा बरकरार है। लोग मानते हैं कि उनके कार्यकाल में क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा है। चारों ओर सड़कें बन गई हैं। चहुंमुखी विकास हो रहा है।
रोजगार की समस्या
नीमच विधानसभा क्षेत्र में रोजगार को लेकर बड़ी समस्या बनी हुई है। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में रोजगार को लेकर कोई साधन नहीं है, कोई बड़ी फैक्ट्रियां या उद्योग क्षेत्र नहीं है। जिससे लोगों को पर्याप्त रोजगार मिल सके। युवा रोजगार के लिए परेशान हो रहे हैं।
बंगला समस्या नीमच की महत्वपूर्ण समस्या
नीमच नगर में बंगला बगीचा की महत्वपूर्ण समस्या है। जिसका हर चुनाव में निराकरण का वादा किया जाता है, लेकिन अभी भी यह समस्या जस की तस बनी हुई है। यह समस्या विकराल होती जा रही है। बंगला बगीचा समस्या के निदान के लिए कोई समाधान नहीं हो रहा है और बंगला बगीचा से पीड़ित लोग लगातार परेशान हो रहे हैं। यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और आज इसने विकराल रूप ले लिया है।
प्रत्याशी बदलने की मांग
नीमच विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान विधायक दिलीप सिंह परिहार विधायक की कार्यशैली से लोग काफी नाखुश है। कुछ लोगों का तो स्पष्ट कहना हैं कि भाजपा अपना प्रत्याशी बदले वरना इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। प्रत्याशी बदलने की स्थिति में कुछ लोग भाजपा की जीत का दावा भी करते है।
कांग्रेस के गलत टिकट वितरण
2018 के विधानसभा चुनाव में क्षेत्र से कांग्रेस के उमराव सिंह गुर्जर प्रबल दावेदार थे। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें मनासा से टिकिट दे दिया। वहीं उनकी जगह नीमच से जावद विधानसभा क्षेत्र के दावेदार सत्यनारायण पाटीदार को नीमच से टिकट दे दिया था। जो कांग्रेस के हार की एक बड़ी वहज बनी।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में समस्या
नीमच जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर जरूर बना है, लेकिन यहां पर्याप्त चिकित्सक नहीं होने के कारण जिले वासियों का इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। देखने में आता है कि छोटे छोटे मामलों में भी मरीजों को आगे रेफर कर दिया जाता है, जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है।
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