रायपुर। नियमितीकरण की मांग को लेकर बड़ी संख्या में प्रदेशभर के संविदाकर्मी रायपुर के तूता धरना स्थल पर डटे हुए हैं. नियमितीकरण के लिए सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी के सदस्यों से तो संविदाकर्मियों की सोमवार को मुलाकात करने से पुलिस ने रोक दिया था. लेकिन नियमितीकरण पर ठोस फैसले के आने तक आंदोलन को जारी रखने के संकल्प को नहीं तोड़ पाए हैं.

महासंघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि सरकार के पौने पांच साल बीत जाने के बाद भी नियमितिकरण के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है. 2018 में चुनाव पूर्व जनघोषणा पत्र में आश्वासन मिला, सरकार आने के बाद भी 2019 में मुख्यमंत्री से आश्वासन मिला. जब भी संविदा कर्मचारी कांग्रेस नेताओं से मिले उन्हें मात्र आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.

कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे ने बताया कि 2022 के मनरेगा कर्मचारी 76 दिनों के हड़ताल को भी मात्र आश्वासन देकर तोड़वा दिया गया. आजपर्यंत उन वादों पर अमल नहीं किया गया. कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा कि आंदोलनरत कर्मचारी इस बार बिना ठोस निर्णय के जाने वाले नहीं हैं. चूंकि इस सरकार का इतिहास है कि यह हड़ताल तो आश्वासन देकर तोड़वा तो देती है, किंतु उस पर अमल नहीं करती.

नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर डटे संविदाकर्मियों को भाजपा का साथ मिला है. मंगलवार को भाजपा नेता धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि पार्टी के घोषणा पत्र में उनकी मांगों को शामिल किया जाएगा.