स्थायी जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले लोगों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है. इस दस्तावेज के माध्यम से स्कूली और उच्च शिक्षा के दौरान बच्चों को छात्रवृति प्राप्त करने में आसानी होती है और इन वर्गों से आने वाले लोगों के लिए ये दस्तावेज नौकरी के लिए भी आवश्यक है. ऐसे में इस महत्वपूर्ण दस्तावेज का बिना किसी परेशानी के घर पर मिल जाना बड़ी सहूलियत का काम है.
जाति प्रमाण पत्र तुंहर द्वार अभियान के तहत सरगुजा जिले में अब जाति प्रमाण पत्र जैसा महत्वपूर्ण दस्तावेज बच्चों को घर पर ही मिल रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य शासन की मंशानुरूप आमजन को सरलता के साथ यह महत्वपूर्ण दस्तावेज जाति प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए जाने के लिए नियमों का सरलीकरण किया गया है. जिससे जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने की प्रक्रिया आसान हुई है.
इसी कड़ी में कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देशानुसार प्रशासनिक टीम द्वारा जाति प्रमाण पत्र तैयार कर, अच्छे से लैमिनेशन के साथ बच्चों को उनके घरों और स्कूलों में प्रदाय किया जा रहा है. कलेक्टर ने गत साप्ताहिक समयसीमा की बैठक में जाति प्रमाण पत्र तुंहर द्वार अभियान के तहत प्रशासनिक टीम को बच्चों के घर तक जाति प्रमाण पत्र पहुंचाने का दायित्व सौंपा था जिसके परिपालन में निर्देशों के मात्र एक दिन बाद ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तहसीलदारों द्वारा बच्चों को उनके घर एवं स्कूल में जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए गए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में आज अभियान के पहले दिन 650 से ज्यादा जाति प्रमाण पत्र का वितरण किया जा रहा है. इसके साथ ही स्कूलों में लगातार नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने का क्रम भी जारी है. शासन द्वारा नियमों के सरलीकरण से जाति प्रमाण पत्र बनाने में आसानी हुई है. जिले में वर्ष 2021-22 में 31 हजार 545 और 2022-23 में 27 हजार 825 बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाये गए हैं. अब जाति प्रमाण पत्र तुंहर द्वार अभियान के तहत कलेक्टर के निर्देश पर बच्चों को अब घर पर उनका जाति प्रमाणपत्र प्राप्त हो रहा है. जाति प्रमाण पत्र के लिए जहां पहले हितग्राही को बेहद मशक्कत करनी पड़ती थी, अब शासन की नई नीतियों और अभियान से सरलता से यह प्रमाण पत्र प्राप्त हो रहे हैं.