अजय नीमा,उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (world famous Mahakaleshwar Jyotirlinga) में आज शुक्रवार को श्रावण माह कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि पर तड़के 3 बजे भस्म आरती (Bhasma Aarti) के दौरान मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान की कर्पूर आरती के बाद जल से भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, फलों के रस से पंचामृत अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान हर हर महादेल के जयकारे गूंजते रहे। बाबा को आज ओम की आकृति से सजाया गया।
बाबा महाकाल का चंदन और विभिन्न प्रजाति के पुष्प और बिल्व पत्र से आकर्षक श्रृंगार किया गया। सैकड़ों लोगों ने अल सुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल होकर बाबा का दर्शन लाभ प्राप्त किया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। वहीं नंदी हाल में कुछ देर बैठक लोगों ने बाबा का ध्यान लगाया। आज सुबह बड़ी संख्या में महिला, पुरुष और बच्चे भी बाबा के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे थे।
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बता दें कि उज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। कालिदास से शुरू करते हुए, कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। उज्जैन भारतीय समय की गणना के लिए केंद्रीय बिंदु हुआ करता था और महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था।
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