Chandrayaan-3. आज का दिन भारत और भारतवासियों के लिए गौरवपूर्ण दिन है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने ड्रीम प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 को लॉन्च करने जा रहा है. श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से शुक्रवार दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 पृथ्वी से चंद्रमा की तरफ उड़ान भरेगा. करीब 40 से 50 दिन की यात्रा करने के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेंगे. बता दें काउंटडाउन शुरू होने से पहले पांच वैज्ञानिकों की टीम ने मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की जिसका वीडियो भी शेयर किया.

इसरो (ISRO) चीफ एस सोमनाथ और अन्य वैज्ञानिकों ने गुरुवार को तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर में पूजा अर्चना की. इसरो चीफ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि वह सफलतापूर्वक चांद पर उतरेगा. भारत का यह मिशन चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग के चार साल बाद भेजा जा रहा है. चंद्रयान-3 मिशन सफल होता है, तो अंतरिक्ष के क्षेत्र में ये भारत की एक और बड़ी कामयाबी होगी.

चांद पर कब होगी चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग

मिशन 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा केन्द्र से उड़ान भरेगा और अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा. बीते बुधवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में चंद्रयान-3 युक्त एनकैप्सुलेटेड असेंबली को एलवीएम3 के साथ जोड़ा गया गया. यह मिशन भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगा.

पिछले मिशन का फॉलोअप मिशन है चंद्रयान-3

22 जुलाई 2019 को भारत ने चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था. वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक रोवर और एक ऑर्बिटर भेजा था. हार्ड लैंडिंग के चलते मिशन फेल हो गया था. हालांकि ऑर्बिटर सैटेलाइट अभी भी काम कर रहा है और उसके जरिए चंद्रमा से जुड़ी काफी जानकारी मिली है. चंद्रयान-3 पिछले मिशन का फॉलोअप मिशन है.

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