Rajasthan News: प्रदेश में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों (एमजीजीएस) के तहत प्री-प्राईमरी क्लासेज के लिए संचालित बाल वाटिकाओं और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) का आदर्श मॉडल तैयार किया जाएगा। इसे विकसित करने में राजस्थान एजुकेशन इनिशिएटिव (आरईआई) में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के साथ एमयोयू के तहत स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत आरईआई पार्टनर्स सहयोग करेंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए आरईआई संस्थाओं के प्रतिनिधियों से इस बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा आरईआई पार्टनर्स जिन क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, उनमें ‘गेप्स‘ का विश्लेषण कर उनको दूर करने में प्रभावी भूमिका निभाए। कई पार्टनर्स ऐसे है जो स्कूलों में लाईब्रेरीज के विकास के मॉड्यूल के साथ फील्ड में अपने प्रोग्राम चला रहे हैं, ऐसे समान उद्देश्यों वाले संस्थान आपस में भी समन्वय रखें, वहीं स्कूलों के पुस्तकालयों में सुधार के साथ-साथ भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के तहत प्रदेश में संचालित 47 राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालयों के अपग्रेडेशन में अपने मॉड्यूल और तकनीक साझा करते हुए कार्य करे। कुछ संस्थाओं की फील्ड गतिविधियां नवभारत साक्षरता अभियान से मेल खाती है, ऐसे पार्टनर्स प्रदेश में सतत शिक्षा और साक्षरता निदेशालय के साथ मिलकर फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमरोलॉजी (एमएलएन) गतिविधियों से भी जुड़ सकते है।

शासन सचिव ने कहा कि आरईआई पार्टनर्स सरकारी स्कूलों में वर्तमान में संचालित अपने कार्यक्रमों की क्रियान्विति को पूर्ववत जारी रखते हुए इस बात पर भी मंथन करे कि जिन साधन-सुविधाओं और संसाधनों का उनके द्वारा उपयोग लिया जा रहा है, उसी दायरे में कैसे आपसीं समन्वय और अन्य एजेंसी के साथ सहयोग से विद्यार्थियों को अधिकतम फायदा पहुंचाकर अतिरिक्त योगदान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आरईआई पार्टनर्स द्वारा आने वाले समय में अपनी विशिष्ट सेवाओं के साथ ही शैक्षिक नवाचारों, टीचर्स ट्रेनिंग, क्वालिटी एजूकेशन, बालिका सुरक्षा एवं बालिका शिक्षा जैसे अहम विषयों पर और अधिक सक्रियता से अपना योगदान दे सकते है।

शासन सचिव ने संस्था प्रतिनिधियों को ‘कम्यूनिटी अवेयरनेस‘, वोकेशनल एजुकेशन और कॅरियर काउंसलिंग जैसे विषयों पर भी फोकस करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से ‘नो बैग डे‘ के नवचार के तहत गतिविधियों को विशेष कैलेंडर बनाया जा रहा है, इसे भी आरईआई पार्टनर्स के साथ साझा किया जाएगा। ऐसी संस्थाएं जिनके कार्यक्रमों का लक्ष्य इन गतिविधियों के समान है, वे इनमें सक्रियता के साथ पार्टनरशिप करे।

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