गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records) में अब तक कई तरह के रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं. लेकिन इस बार जो रिकॉर्ड सामने आया है वो काफी हैरान कर देने वाला है. दरअसल, पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान के नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. ये रिकॉर्ड 9 सदस्‍यों वाले परिवार की जन्‍मदिन की तारीख से जुड़ा हुआ है जो कि एक ही दिन पड़ती है.

अगस्‍त में होता है बर्थडे

पाकिस्तान के लरकाना (Larkana, Pakistan) में एक 9 सदस्‍यों का परिवार रहता है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records) ने उनकी कहानी शेयर करते हुए बताया है कि, इस परिवार में एक चीज कॉमन है, और वो है उन सभी का जन्मदिन. बताया जाता है कि, परिवार के सभी लोग एक अगस्‍त के दिन ही पैदा हुए थे. Read More – Mansoon Special Recipes : बरसात के इस मौसम में शाम को करे कुछ क्रंची खाने का मन, तो घर पर Try करें ये डिश …

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स कर रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार में आमिर अली, उनकी पत्नी खुदेजा और उनके सात बच्चे शामिल हैं. सात बच्चों में ससुई और दोनों सपना जुड़वां बहनें हैं. आमिर-अम्बर, अम्मार-अहमर ये सभी आपस में जुड़वा बेटे हैं. इन लोगों अतिरिक्‍त पाकिस्‍तान के इस परिवार में सिंधु नाम की एक और बेटी भी है. उम्र की बात की जाए तो सभी की आयु 19 से 30 के बीच है. सभी लोगों की जन्‍मतिथि एक ही होने के कारण एक ही दिन पर केक काटा जाता है.

पहले भी हो चुका है ऐसा

ऐसा कहा जा रहा है कि ये बहुत दुर्लभी सी चीज है कि किसी परिवार के सभी लोग अलग’अलग सालों में पैदा हुए हों औ सबकी जन्‍मतिथि एक ही हो. हालांकि इससे पहले ये रिकॉर्ड दूसरे परिवार के नाम पर था. जिसका नाम था कमिंस परिवार. ये सभी लोग यूएसए के रहने वाले थे. यहां पर सभी पांच बच्‍चों का जन्म 1952 और 1966 के बीच 20 फरवरी को हुआ था. Read More – घर में Aquarium रखना होता है बहुत शुभ, यहां जाने इसे रखने के फायदे और कौन सी मछलियां होता है अच्छा …

ईश्‍वर का उपहार

एक अगस्‍त की तारीख आमिर और खुदेजा के लिए काफी ज्‍यादा खास है. दरअसल, इसी तारीख को दोनों की शादी की सालगिरह भी होती है. वे स्‍वयं बताते हैं कि, उन्होंने अपनी सबसे बड़ी बेटी के जन्म से ठीक एक साल पहले, 1991 में अपने जन्मदिन पर शादी की थी. इसके बाद अगस्‍त की पहली तारीख 1992 को सिंधु का जन्म हुआ. उसके जन्म सभी लोग जितना शॉक्‍ड थे उतना ही खुश भी थे. लोगों ने तब इसे ईश्‍वर का उपहार बताया गया था.

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