प्रयागराज. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने उनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने वाराणसी की विशेष अदालत को निर्देश दिया है कि यदि आठ दिन में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला चार्जशीट व दस्तावेजों की पठनीय प्रति देने की अर्जी दें तो पठनीय दस्तावेज मुहैया कराएं और अपनी संतुष्टि भी दर्ज करें. अर्जी पर निर्णय होने तक याची सुरजेवाला के विरुद्ध किसी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न की जाए.

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को फौरी राहत देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 23 साल पुराने सार्वजनिक संपत्ति नुकसान पहुंचाने के मामले में पढ़ने लायक डाक्यूमेंट्स मुहैया कराने और उनकी अर्जी को निस्तारित करने का वाराणसी की जिला अदालत को आदेश दिया है. बता दें कि, अर्जी निस्तारित नहीं होने तक सुरजेवाला पर किसी तरह की उत्पीड़नात्मक करवाई नहीं किए जाने का भी निर्देश दिया. हाईकोर्ट के जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने सुनवाई पूरी होने के बाद 12 जुलाई को ही अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था.

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बता दें कि, साल 2000 में वाराणसी में हुए संवासिनी कांड में कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ केस दर्ज है. वहीं याचिका में जिला अदालत वाराणसी से पठनीय रिकॉर्ड मुहैया कराने की मांग की गई थी. जिससे वह अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रख सकें. वहीं याची का कहना है कि अदालत द्वारा उन्हें जो दस्तावेज मुहैया कराया गया है, वह पठनीय नहीं है.

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